1998 में रिलीज हुई फिल्म ‘कुछ कुछ होता है’ एक बहुत खूबसूरत फिल्म थी जिसे बहुत से लोगों ने पसंद किया और यह एक बड़ी हिट साबित हुई। तकरीबन 20 साल बाद अपनी फिल्म को रिव्यू करते हुए फिल्ममेकर करण जौहर ने कहा- फिल्म के गाने आज भी लोगों की प्लेलिस्ट में हैं। करण ने अपनी फिल्म पर मजाक करते हुए कहा- हालांकि इसकी थीम जरा सिली थी, यह राहुल और उसकी 8 साल की बेटी की कहानी है जो अपनी गुजर चुकी मां का लेटर पढ़ने के बाद अपने दोस्त के साथ मिलकर दोबारा अपने पापा से मिलने का तय करती है।
करण ने कहा- असल में, ‘कुछ कुछ होता है’ थीम के मामले में बहुत ही पागलपन भरी फिल्म थी। पता नहीं मां ने 8 चिठ्ठियों में ऐसा क्या लिख दिया। एक 8 साल की बच्ची उसे पढ़ भी कैसे सकती है। मां इसे पूरे विश्वास के साथ लिखती है। मां ने 8 लेटर लिखे, लेकिन क्या लिखा होगा पहली, दूसरी चिठ्ठी में कि वो बच्ची पढ़ सके? अगर आपका प्यार और दोस्ती का रिश्ता करण जौहर की फिल्म से प्रेरित है तो आपको बता दें कि करण का मानना है कि वह एक फनी ट्रिक थी।
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करण ने कहा- हीरो कहता है, जिंदगी में प्यार एक बार होता है, शादी एक बार होती है, लेकिन उसको खुद को दो बार प्यार होता है और शादी भी दो बार करता है। सब कुछ गलत था, लेकिन यह सीन बहुत आत्मविश्वास के साथ लिखा गया था। उस वक्त की फिल्मों में बहुत बचकानापन होता था, हमने कहा- प्यार दोस्ती है। करण मजाक करते हुए कहते हैं पता नहीं मैंने फिल्म क्यों लिखी। करण ने बताया कि तब मैं 24 साल का था जब मैंने यह फिल्म लिखी। अब मैं वैसी फिल्म नहीं लिख सकता। आज जब मैं कुछ-कुछ होता है और कभी खुशी कभी गम देखता हूं तो मैं खुद हैरान रह जाता हूं। मैंने यह क्यों लिखा, मैंने यह कैसे लिखा, यह सब विचार मेरे दिमाग में कैसे आ गए।


