बॉलीवुड के सबसे प्रगतिशील निर्देशकों की श्रेणी में सबसे पहले अनुभव सिन्हा का नाम लिया जाता है। उनकी फिल्मों में महिला सशक्तिकरण, सामाजिक असमानता आदि मुद्दे प्रमुखता से उठाए जाते हैं। इसी साल की शुरुआत में आईं फिल्म ‘थप्पड़’ ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया और फिल्म आलोचकों की तारीफ़ भी बटोरी। अनुभव सिन्हा इसी फिल्म के प्रमोशन के लिए जब कपिल शर्मा शो पर गए थे तब उन्होंने अपने बचपन से जुड़ा एक रोचक किस्सा सुनाया।
शो के होस्ट कपिल शर्मा में अनुभव सिन्हा से पूछा कि क्या आपको बचपन में कभी मार पड़ी है? अनुभव सिन्हा ने कहा, ‘अभी पिछ्ले दिनों ही मैं बैठकर पापा से बात कर रहा था। मैंने उनसे बोला कि पापा उस दिन आपने मुझे बैट से मारा था। मैं क्रिकेट खेलने गया था, बोला था 1 बजे तक आ जाऊंगा, 3 बजे तक घर नहीं पहुंचा। मैं उस वक्त 14- 15 साल का था। मैंने एक शॉर्ट मारा और रन लेने के लिए भागा कि उधर से दूसरा रन लेकर आऊंगा। बीच में जब एक्सचेंज हुआ तो हम दोनों बैट्समैन ने बात की कि दो रन लेना है।’
अनुभव सिन्हा ने आगे बताया, ‘मैं जैसे ही उसे क्रॉस कर आगे बढ़ा तो देखा सामने पापा खड़े हैं। मैं विकेट की तरफ भाग रहा हूं और सामने पापा तो मैं उनसे टकराया और सीधा उन्हें विकेट की तरफ ले गया।’ अनुभव सिन्हा के साथ तापसी पन्नू भी शो पर आईं थीं। कपिल ने उनसे पूछा कि आपकी बहुत सारी फिल्मों में कोर्ट रूम ड्रामा होता है। जैसे मुल्क, पिंक, मनमर्जिया तो आप फिल्मों में काम करने आईं हैं आप या कोर्ट कचहरी में वकालत करने आईं हैं?’
तापसी पन्नू ने जवाब दिया, ‘मुझे लगता है ये मेरा लकी चार्म हो गया है। अब फिल्म के अंदर कोर्ट का सीन न डालो तो लगता है पिक्चर हिट नहीं होगी। भले ही कोर्ट के सामने से गुजरने भर का सीन हो लेकिन कोर्ट होना ज़रूरी है।’ कपिल ने अनुभव सिन्हा और तापसी से पूछा कि थप्पड़ फिल्म में थप्पड़ वाले सीन को फिल्माने के लिए क्या 6-7 रीटेक करने पड़े?
दोनों ने बताया कि इससे ज़्यादा ही टेक लेने पड़ गए थे। कपिल ने हंसी में कहा, ‘एक तो फिल्म भी थप्पड़ के मुद्दे पर है, ऊपर से लड़का जो मार रहा है उसके दिमाग में ये चल रहा होगा कि इस लड़की ने पहले शबाना और बेबी जैसे पिक्चर्स की है, जिसमें ये लड़कों को पीट रही है।’