ऋषभ शेट्टी की कांतारा ने दर्शकों को एक वर्ग को अन्दर तक झकझोर दिया था। मैं भी ऐसे ही अभिभूत दर्शकों में एक था। मनोरंजन या मारधाड़ के बजाय तुलनात्मक धर्म का छात्र होने के नाते इस फिल्म की धार्मिक अंतर्धारा ने मुझे ज्यादा प्रभावित किया।
हिन्दू धर्म को लेकर पिछले दो सौ साल में तमाम तरह के नरेटिव उन लोगों द्वारा चलाए गये जिनका हिन्दू धर्म से कोई वास्ता नहीं था या फिर हिन्दू धर्म को वह शत्रुतापूर्ण दृष्टिकोण से देखते थे।
सिनेमा में रिलीजन का चित्रण अक्सर चमत्कार और अत्याचार के दो पाटों के बीच पिसता रहता है। धर्म के मर्म को समझने वाली फिल्म बहुत कम बनती हैं।
कांतारा ऐसी एक फिल्म थी जो आदिम प्रकृति-देव पूजक आस्थावानों की आस्था को पूरी संवेदनशीलता और सहानुभूति से प्रस्तुत करती है। इस फिल्म की कहानी के साथ ही तकनीकी पक्ष भी उतने ही सबल थे। फिल्म ने ऋषभ शेट्टी को रातोंरात नया फिल्मी सितारा बना दिया।
जिसने भी मूल कांतारा देखी होगी उसे इस फिल्म के सीक्वल का इन्तजार रहा होगा। यह अलग बात है कि ऋषभ शेट्टी ने फिल्म का सीक्वल न बनाकर प्रीक्वल बनाया यानी पिछली कहानी से भी पहले की कहानी कांतारा चैप्टर 1 के रूप में सुनायी।
तकनीकी रूप से कांतारा चैप्टर 1 भी पिछली फिल्म की तरह उत्कृष्ट है, पटकथा लेखन को छोड़कर। फिल्म में ऋषभ शेट्टी समेत सभी कलाकारों का अभिनय, शेट्टी का निर्देशन, फाइट-सिक्वेंस इत्यादि उत्कृष्ट हैं। फिल्म का पार्श्व संगीत अच्छा है मगर इस प्रीक्वल के संगीत में कोई कोई नयापन नहीं है।
कांतारा के गीत-संगीत की नवता और आत्मा को छूने वाली रागिनियों ने दर्शकों को बेहद प्रभावित किया था। इस कांतारा में पिछले संगीत की निरंतरता दिखती है मगर कोई नयापन नहीं दिखता। हो सकता है कि यह निर्देशक का सोचा समझा निर्णय रहा हो।
मेरी नजर में फिल्म का सबसे कमजोर पहलू इसकी अवांछित समानांतर कथानक। फिल्म का मध्य हिस्सा राजकुमार कुलशेखर पर केन्द्रित है। गुलशन देवैया ने राजकुमार कुलशेखर की भूमिका के संग न्याय किया है मगर फिल्म के चौंकाने वाले क्लाइमेक्स के बाद कुलशेकर से जुड़े सारे सीन-सीक्वेंस फिलर लगने लगते हैं।
दूसरे हाफ में पता चलता है कि कहानी का मूल टकराव कुलशेखर से जुड़ा नहीं है। फिल्म का दूसरा हाफ पहले हाफ से ज्यादा प्रभावशाली बन पड़ा है। फिल्म का क्लाइमेक्स जबरदस्त है। मगर कांतारा चैप्टर 1 एक आध्यात्मिक सिने यात्रा के बजाय बढ़िया मनोरंजक फिल्म जैसी लगती है।
कांतारा चैप्टर 1 का बजट 100 करोड़ से ज्यादा बताया जा रहा है। कांतारा का बजट करीब 16 करोड़ रुपये था। ज्यादा पैसा फिल्म की आत्मा पर शायद भारी पड़ा है। उम्मीद है कि कांतारा चैप्टर 2 में ऋषभ शेट्टी इसका ध्यान रखेंगे।