अमिताभ बच्चन और कादर खान ने साथ में कई फिल्में की। कादर खान लेखक भी थे और उन्होंने अमिताभ की सुपरहिट फिल्मों अमर अकबर एंथनी, शराबी, लावारिस, अग्निपथ आदि की स्क्रिप्ट भी लिखी। दोनों काफी अच्छे दोस्त हुआ करते थे हालांकि बाद में उनके रिश्ते खराब होते चले गए। कई इंटरव्यूज में कादर खान ने अलगाव की वजह भी बताई। कादर खान ने बताया था कि राजनीति में जाने के बाद अमिताभ पूरी तरह बदल गए थे। अमिताभ पर सत्ता का ऐसा असर हुआ कि उन्होंने कादर खान को बुरा भला भी कह दिया था।

अमिताभ बच्चन अपने दोस्त राजीव गांधी के कहने पर राजनीति में आए थे। 1984 के लोकसभा चुनाव में अमिताभ इलाहाबाद संसदीय सीट से चुनावी मैदान में उतरे थे और जीते भी। कादर खान ने बताया था कि अमिताभ राजनीति में तो चले गए लेकिन उनसे यह कह दिया कि अगर कादर खान राजनीति में आए तो वो उन्हें हरा देंगे।

कादर खान ने जूम नामक मीडिया प्लेटफॉर्म से बातचीत में बताया था, ‘उसने मुझसे कहा कि अगर तुझे सियासत वाले ले जाना चाहते हैं और अगर तू जाएगा तो मैं खड़ा होकर तेरे खिलाफ प्रचार करूंगा कि ये आदमी गलत है, इसको वोट मत दो, तुझे हरवा दूंगा मैं। एमपी बनने के बाद बदल गया था वो आदमी ‘

कादर खान ने बताया था कि सांसद बनने के बाद अमिताभ बच्चन का बर्ताव बिल्कुल अलग हो गया था। उन्होंने बताया, ‘अमिताभ के साथ मेरा एक रिश्ता था। वो एमपी बनने गया तो मैं खुश नहीं था क्योंकि सियासत की दुनिया ऐसी है जो इंसान को बदल देती है। जब वो सांसद बनकर आया तो वो मेरा अमिताभ बच्चन नहीं था।’

 

कादर खान और अमिताभ बच्चन के बीच दरार की एक और वजह थी। दरअसल जब अमिताभ बच्चन बॉलीवुड में पूरी तरह जम गए तब सभी लोग उन्हें सर कहा करते थे। कादर खान जो उनके दोस्त थे, उन्हें अमिताभ को सर कहने में अटपटा लगता था। उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान बताया था कि सभी लोग उन्हें सर कहते थे और वो नहीं, इस वजह से भी दोनों के रिश्ते खराब होते चले गए।

 

कादर खान के आखिरी कुछ दिनों में भी बॉलीवुड से किसी ने उनका साथ नहीं दिया था। वो अपने परिवार को साथ कनाडा शिफ्ट हो गए थे। उनके परिवार वालों ने कई मौकों पर यह कहा है कि कादर खान के अंतिम दिनों में कोई उनका हाल पूछने नहीं आया। 31 दिसंबर 2018 को कनाडा में ही कादर खान ने अंतिम सांस ली थी।