फिल्म धड़क के ट्रेलर को दर्शकों की मिक्सड प्रतिक्रिया मिली है। कुछ लोग इसे श्रीदेवी की बेटी जाह्नवी के लॉन्च होने के चलते इसे एक खास फिल्म बता रहे हैं तो कुछ ऐसे भी हैं जो इसे मूल फिल्म सैराट से एक कमतर फिल्म के तौर पर देख रहे हैं। अपनी पहली ही फिल्म को लेकर दर्शक वर्ग के दो धड़ में बंट जाने के बावजूद जाह्वी खासी चिंतित नहीं है। मीडिया हाइप और फिल्मी आलोचना को लेकर जाह्नी कहा कि जाहिर है मुझे फर्क पड़ता है। लेकिन अब तक सिर्फ ये था कि अगर ये लोग मेरी सिर्फ आलोचना कर रहे हैं कि मैं जिम से आ रही हूं तो मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता लेकिन ट्रेलर सामने आने के बाद से ही मैं थोड़ी नर्वस हो चुकी हूं क्योंकि मुझे इस क्षेत्र में अपने आपको साबित करना है। मैं यही करना चाहती थी और मैं चाहती हूं कि लोग मुझे एक अच्छी एक्ट्रेस के तौर पर जानें। मैं सिर्फ कड़ी मेहनत कर सकती हूं और उम्मीद कर सकती हूं कि मेरी मेहनत रंग लाए, लेकिन अनिश्चितताओं से भरी इंडस्ट्री में कुछ कहा नहीं जा सकता।
उन्होंने कहा कि मैं इस फिल्म के लिए शुक्रगुज़ार रहूंगी और ट्रेलर पर जिस तरह की प्रतिक्रियाएं आई हैं, उनसे मैं काफी हैरत और राहत महसूस कर रही हूं। मैं उम्मीद करती हूं कि जिन लोगों को फिल्म का ट्रेलर पसंद नहीं आया है, वे ज़रूर फिल्म जाकर देंखे और उम्मीद है कि इन दर्शकों को भी फिल्म अच्छी लगेगी। मैंने अपनी ज़िंदगी के पिछले दो साल सिर्फ धड़क को डेडीकेट किए हैं। मेरा माइंडसेट केवल फिल्म के किरदारों को लेकर फोक्स़ड रहता था और अब जबकि फिल्म खत्म हो चुकी है तो मैं उत्साहित हूं कि लोगों को हमारा काम कैसा पसंद आता है। हम सभी ने फिल्म में काफी मेहनत की है और कई बार तो हम किरदारों में इतना डूब जाते थे कि रील और रियल लाइफ में फर्क करना मुश्किल हो जाता था।

जाह्नवी ने उस घटना के बारे में भी बात की जब उनकी बहन खुशी, जाह्नवी की फिल्म का ट्रेलर देखकर रोने लगी थी। उन्होंने बताया कि उस दौरान हम दोनों काफी शॉक में थे। मैंने अपनी लाइफ में उसे सिर्फ दो या तीन बार ही रोते हुए देखा है। मैंने उसे ऐसे देखकर गले लगा लिया और उसने मुझसे कहा कि ‘मुझे नहीं पता मैं क्यों रो रही हूं।’ वो बेहद खास पल था। शायद मैंने कुछ गलती कर दी होगी इसलिए वो रो रही होगी। उन्होंने कहा कि मेरी मां हमेशा कहा करती थी कि अगर तुम एक अच्छी एक्टर बनना चाहती हो तो तुम्हें एक अच्छा इंसान बनने की ज़रूरत है क्योंकि कैमरा बहुत स्मार्ट होता है, अगर तुम अच्छे इंसान नहीं हो और तुम फेक हो तो वो दिखता है। अगर तुम्हारा दिल साफ नहीं है, तो वो कैमरा पर अक्सर बॉडी लैंग्वेज के सहारे पता चल जाता है इसलिए हमेशा एक अच्छा इंसान बनने की कोशिश करो।