आज के समय इंडस्ट्री में दिव्या दत्ता एक जाना पहचाना नाम हैं। उन्हें हिंदी फिल्मों में मजबूत सपोर्टिंग किरदार निभाने के साथ ही, विज्ञापन और मशहूर टीवी शो करने के लिए जाना जाता है। कई बार एक्ट्रेस ने हमारा मनोरंजन किया है। आज दत्ता अपना 40वां जन्मदिन मना रही हैं। इस मौके पर हम आपको बताते हैं उनके द्वारा निभाए गए कुछ बेहतरीन रोल। 25 सितंबर 1977 को दिव्या दत्ता का जन्म पंजाब के लुधियाना में एक पंजाबी हिंदू परिवार में हुआ था। उनकी मां डॉक्टर नलिनी दत्ता एक सरकारी अधिकारी हैं। उन्होंने अकेले एक्ट्रेस और उनके भाई को पाल-पोसकर बड़ा किया है।

दिव्या जब सात साल की थीं तब उनके पिता की मौत हो गई थी। पिछले साल उनकी मां का भी निधन हो गया। ऐसा कहा जाता है कि 2013 में आई फिल्म गप्पी में अपनी सिंगल मदर पप्पी की भूमिका निभाने के लिए उन्होंने अपनी मां से प्रेरणा ली थी। युवा लड़की के तौर पर उन्हें पंजाब के विद्रोह का भी साक्षी होना पड़ा था। इसी वजह से 1984 में हुए दंगों की उनके पास कड़वी यादे हैं। फिल्म इंडस्ट्री में एक पहचाने जाने वाला चेहरा बनने से पहले दिव्या ने मॉडलिंग में अपनी किस्मत आजमाई थी और पंजाब के कई विज्ञापनों में नजर आई थीं। उन्हें एक्टिंग में पहला ब्रेक संविधान सीरियल में मिला। जिसमें उन्होंने पूर्णिमा बनर्जी का रोल निभाया था। इसके बाद उन्हें शन्नो की शादी में शाने के रूप में देखा गया जो एक साधारण पंजाबी हलवाई परिवार से ताल्लुक रखती है। इसके बाद एक्ट्रेस ने कदम शो में भी काम किया।

आपने दिव्या को सावधान इंडिया जैसे क्राइम-ड्रामा शो को होस्ट करते हुए देखा होगा। इसके अलावा उन्होंने डॉक्यु-ड्रामा शो जैसे अरे दीवानो मुझे पहचानो, आवाज पंजाब दी, सिने सतरंग और हम तुम एक कमरे में बंद हो को होस्ट किया है। एक्टर के तौर पर बॉलीवुड में डेब्यू उन्होंने 1994 में रिलीज हुई फिल्म इश्क में जीना इश्म में मरना से की। जब यह फिल्म रिलीज हुई तब एक्ट्रेस केवल 17 साल की थीं और यह फिल्म सफल नहीं रही।

दिव्या को पहचान मिली वीरगति फिल्म से जिसमें उन्होंने सलमान खान की बहन संध्या का रोल निभाया था। बहुत से लोगों को यह बात पता नहीं होगी कि दिव्या ने 2001 में आई फिल्म कसूर में लीसा रे के लिए जब किया था क्योंकि उस समय रे को ठीक तरह से हिंदी नहीं आती थी।