बॉलीवुड में 80-90 के दशक में नीलम कोठारी और गोविंदा की जोड़ी काफी लोकप्रिय थी। दोनों ने एक साथ कई फिल्मों में भी काम किया। साल 1986 में रिलीज हुई ‘इल्जाम’ बॉक्स ऑफिस पर तो कमाल नहीं दिखा सकी लेकिन लोगों ने गोविंदा और नीलम की केमेस्ट्री को खूब पसंद किया। धीरे-धीरे इन को-स्टार्स के बीच की दोस्ती प्यार में बदल गई और गोविंदा और नीलम अपने रिश्ते को लेकर काफी गंभीर हो गए। इतना ही नहीं गोविंदा नीलम को अपनी जीवन संगिनी भी बनाना चाहते थे। लेकिन फिर ऐसा क्या हुआ जिसके कारण गोविंदा और नीलम हमेशा के लिए एक-दूसरे के नहीं हो सके? यह सवाल आज भी लोगों के मन में कौंधता है। ताजा इंटरव्यू में गोविंदा ने इस बात का खुलासा किया कि आखिर क्यों उन्होंने नीलम की बजाए सुनीता से शादी की।
गोविंदा ने कहा, ”मुझे याद है कि नीलम से मेरी पहली मुलाकात पन्नालाल मेहरा के ऑफिस पर हुई थी। उसने मुझे हैल्लो बोला और अंग्रेजी में हाथ तंग होने के कारण मैं उससे बात करने में संकोच कर रहा था। मुझे इस बात का भी डर सता रहा था कि मैं सेट पर उससे कैसे बात करुंगा। मैं नीलम के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानना चाहता था। मुझे विश्वास ही नहीं होता था कि नाम और शोहरत कमाने के बाद भी वह इतनी दयालु हो सकती है।”
एक्टर ने आगे कहा, ”मैं घर पर भी नीलम की बातें किया करता था। यहां तक कि सुनीता के संग रिश्ता जुड़ जाने के बाद मैं उससे नीलम जैसा बनने के लिए कहता था। मैं सुनीता से कहता कि तुम्हें नीलम से सीखना चाहिए। इस बात से सुनीता परेशान हो जाती थी। एक दिन सुनीता ने नीलम के लिए कुछ कह दिया इस बात से मैं इतना ज्यादा अग्रेसिव हो गया कि मैं सुनीता के संग अपनी सगाई तोड़ दी थी। मेरे पिता भी चाहते थे कि मैं नीलम से शादी करुं क्योंकि वह उसे बहुत पसंद करते थे। लेकिन मेरी मां का मानना था कि मैंने सुनीता को अपनी जुबान दी है जिसे उसे पूरा करना चाहिए।”
