आशुतोष गोवारिकर जब भी कोई फिल्म बनाते हैं तो पूरी लगन और मेहनत से बनाते हैं। उनकी फिल्म में कड़ी रिसर्च और मेहनत साफ दिखाई देती है। वह अपने काम को लेकर इतने डेडिकेटेड रहते हैं कि इसके आगे अपनी सेहत को भी भूल जाते हैं। ऐसा ही कुछ उन्होंने फिल्म लगान की शूटिंग के दौरान भी किया था।

गुजरात के भुज में फिल्म की शूटिंग चल रही थी। कई महीनों से पूरी युनिट पूरे जोश और उत्साह से फिल्म का काम पूरा करने में लगे थे। एक दिन आशुतोष को अचानक कमर में दर्द हो गया। उस वक्त तो उन्होंने दर्द को अनदेखा कर दिया। लेकिन यह दर्द कम नहीं हो रहा था। हालत जस की तस थी या यूं कहो कि परेशानी बढ़ती जा रही थी। एक रात जब वो सोकर उठे तो हालत और बिगड़ गई। दर्द इतना था कि वह उठने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे थे। कोशिश करते तो दर्द से कराह उठते। इसके बाद उन्हें डॉक्टर के पास ले जाया गया। डॉक्टर ने बताया कि आशुतोष को स्लिप डिस्क की परेशानी हो गई है। उन्होंने हिदायत दी कि कम से कम एक महीने वह बेडरेस्ट पर रहें। यह सुनकर वह परेशान हो गए क्योंकि फिल्म की शूटिंग चल रही थी।

आशुतोष की हालत देखते हुए युनिट ने फैसला किया कि फिल्म की शूटिंग करीब एक महीने के लिए रोक दी जाए। लेकिन आशुतोष और आमिर खान नहीं चाहते थे कि फिल्म की शूटिंग टाली जाए। क्योंकि इसमें कई विदेशी कलाकार भी काम कर रहे थे। उन्हें वापस भेजना उनकी दोबारा डेट लेना मुश्किल काम था। इससे फिल्म की आर्थिक स्थिति भी खराब हो जाती। इसलिए फैसला किया गया कि फिल्म के डायरेक्टर यानि आशुतोष गोवारिकर फिल्म की लोकशन पर ले जाए जाएंगे और वहां उनके लिए एक खाट का इंतजाम किया जाएगा। खाट के पास एक मॉनिटर भी रखा जाएगा ताकि वह खाट पर लेटे-लेट अपना काम करेंगे।

इस तरह आशुतोष गोवारिकर ने पूरे एक महीने खाट पर बैठकर लगान की शूटिंग की। इस दौरान जो सीन फिल्माया गया वह क्रिकेट मैच का सीन था। जो कि काफी मजेदार था। इस फिल्म के लिए उन्हें बेस्ट डायरेक्टर का फिल्म फेयर अवॉर्ड मिला।