राजेश खन्ना जिन दिनों अपनी बुलंदी पर थे हर फिल्म के बाद अपनी फीस बढ़ा देते थे। लेकिन फिर भी उन्हें अपनी फिल्म में लेने के लिए निर्माताओं की लाइन लगी रहती थी। उन्हीं दिनों प्राण भी काफी लोकप्रिय थे। वो फिल्मों में सपोर्टिंग रोल निभाते थे लेकिन उनका कद फिल्म के लीड हीरो से जरा भी कम नहीं होता था। प्राण ने राजेश खन्ना के साथ कई फिल्मों में काम किया हालांकि दोनों को साथ में कास्ट करने से उस दौर में निर्माता बेहद कतराते थे, खासकर तब जब राजेश खन्ना अपने करियर की बुलंदी पर थे। इसकी वजह थी फ़िल्म की बजट।

दरअसल राजेश खन्ना आराधना की सफलता के बाद हर फिल्म के लिए 20 लाख से अधिक रुपए लेने लगे थे। इससे पहले वो एक फिल्म के लिए 10 लाख से अधिक लेते थे। फीस में दुगुनी बढ़ोतरी के बाद भी निर्माता उन्हें अपनी फिल्म में लेना चाहते थे क्योंकि वो फिल्म हिट होने की गारंटी बन चुके थे। इधर प्राण भी बेहद लोकप्रिय थे और हर फिल्म के लिए करीब 10 लाख रुपए लेते थे।

प्राण जितनी फीस लेते थे उतना उनके किसी समकालीन सपोर्टिंग एक्टर को नहीं मिलता था। उस दौरान फिल्मों का बजट उतना नहीं होता था कि राजेश खन्ना और प्राण को साथ लेकर फिल्में बनाई जा सके। इसलिए कई प्रोड्यूसर्स ने दोनों को साथ में लेकर फिल्म बनाने की सोची भी तो बजट के कारण नहीं बना पाए थे।

 

राजेश खन्ना ने प्राण के साथ कई फिल्में की जिनमें बेवफाई, मर्यादा, दुर्गा, हत्यारा आदि सफल हुई। राजेश खन्ना का करियर 70 के दशक के उत्तरार्ध में डूबने लगा था। उसी दौरान हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में अमिताभ, धर्मेंद्र जैसे अभिनेता उभरकर आए जिसके बाद उनका करिश्मा कम होने लगा। उन्होंने अपने किरदारों के साथ प्रयोग नहीं किया जिस वजह से भी उनका सूरज डूबता चला गया।

 

कहा यह भी गया कि वो अपनी पुरानी सफलता में ही डूबे रहे थे। दूसरी तरफ अमिताभ शराबी, शोले जैसी फिल्मों से लोकप्रिय होते गए।अमिताभ और राजेश खन्ना ने फिल्म नमक हराम में साथ काम किया। इस फिल्म को देखने के बाद राजेश खन्ना समझ गए थे कि अब हिंदी फिल्म इंडस्ट्री पर अमिताभ बच्चन का दबदबा होने वाला है।