बॉलीवुड अभिनेत्री रानी मुखर्जी और काजोल का नाम आज सफल एक्ट्रेस में शुमार है। रिश्ते में दोनों अभिनेत्रियां कजिन सिस्टर्स हैं। कहा जाता है कि बहन का रिश्ता होने के बावजूद दोनों के बीच रिश्ते बचपन से ही खराब हैं। एक समय ऐसा था जब काजोल यशराज फिल्म्स के लिए लकी हिरोइन मानी जाती थीं और सबसे ज्यादा कमाई करने वाली अभिनेत्रियों में भी शुमार थीं। काजोल ने यशराज फिल्म्स के बैनर तले कई फिल्मों में काम किया, जिसमें ‘दिललगी’, ‘दिल वाले दुल्हिनयां ले जाएंगे’ और ‘फना’ शामिल हैं। पिछले कुछ सालों से काजोल को यशराज फिल्म्स ने साइन नहीं किया है, कहा जाता है कि इसके पीछे का कारण है रानी और काजोल का झगड़ा। रानी मुखर्जी की वजह से ही काजोल को इस बैनर की फिल्में मिलना बंद हो गई हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यशराज चोपड़ा के समय यशराज प्रोडक्शन हाउस की क्वीन काजोल को माना जाता था। लेकिन चीजें तब बदल गईं जब यशराज फिल्म्स का कार्यभार आदित्य चोपड़ा ने संभाल लिया। यश चोपड़ा की काजोल फेवरेट हिरोइन हुआ करती थीं, यहां तक की काजोल को बतौर अभिनेत्री आदित्य चोपड़ा भी बेहद पसंद करते थे। लेकिन असल में चीजें में तब बदल गईं जब आदित्य चोपड़ा रानी मुखर्जी को अपना दिल दे बैठे। कहा जाता है कि काजोल और रानी के बीच झगड़े की वजह परिवार के बीच हुए प्रॉपर्टी को माना जाता है।
करण जौहर की फिल्म ‘कुछ कुछ होता हैं’ में आदित्य ने करण जौहर को रानी को कास्ट करने की बात कही थी। फिल्म में रानी के अपोजिट काजोल थीं। क्रिटिक्स ने फिल्म में रानी के अभिनय को सराहा और क्रेडिट भी दिया इस बात से काजोल खुश नहीं था। कहा जाता है कि काजोल उस वक्त एक सफल हिरोइन थीं जबकि रानी बॉलीवुड में स्ट्रगल कर रही थीं, लेकिन काजोल ने अपनी बहन का साथ नहीं दिया। यश चोपड़ा ने कुछ समय के बाद रानी और आदित्य के रिश्ते को हरी झंडी दे दी थी। माना जाता है कि यश चोपड़ा के निधन के बाद रानी ने प्रोडक्शन हाउस का चार्ज संभाल लिया और काजोल का नाम हमेशा के लिए बाहर कर दिया। यश चोपड़ा की आखिरी फिल्म ‘जब तक है जान’ के प्रीमियर के लिए भी काजोल नहीं बुलाया गया था।