बॉलीवुड के ‘ट्रेजेडी किंग’ यानी दिलीप कुमार का आज 99वां जन्मदिन है। आज ही के दिन उनका जन्म पेशावर में हुआ था। उनके जन्मदिन के इस खास मौके पर बॉलीवुड सितारों के साथ-साथ आम लोग भी उन्हें खूब सारी बधाइयां दे रहे हैं। इस खास मौके पर उनकी पत्नी और बॉलीवुड एक्ट्रेस सायरा बानो भी उनकी याद में डूबी नजर आईं। सायरा बानो ने दिलीप कुमार के जन्मदिन के अवसर पर उन्हें याद कर एक खत लिखा, जिसमें उन्होंने एक्टर को बधाइयां दीं, साथ ही लिखा, ‘मैं जानती हूं कि मैं न तो आज अकेली हूं और न कभी रहूंगी।’
सायरा बानो ने दिलीप कुमार को याद करते हुए लिखा, “दिसंबर 11, 1922 को अविभाजित भारत के पेशावर के किस्सा ख्वानी बाजार में मेरे जान यूसुफ साहब जन्मे थे। दिलीप कुमार इस बात से बहुत खुश रहते थे और उन्हें गर्व भी होता था कि वह अविभाजित भारत में जन्मे और एक बड़े परिवार में पले बड़े, जो कि रिश्तों और बड़ों के सम्मान से बंधा हुआ था।”
दिलीप कुमार को याद करते हुए सायरा बानो ने आगे लिखा, “साहब को अपने पिता से मिली देशभक्ति पर गर्व था। उन्हें और उनके ग्यारह भाई-बहनों को सभी समुदायों और सामाजिक व आर्थिक पृष्ठभूमि के लोगों से घुलने-मिलने की आजादी थी। अपने शानदार जीवन के बावजूद दिलीप साहब बहुत अलग और बहुत ही सहज थे।”
दिलीप कुमार के बारे में बताते हुए सायरा बानो ने आगे लिखा, “अपनी खुद की नजरों में भी वह एक साधारण इंसान थे। साहब से शादी के बाद मुझे ऐसे जीवन की आदत डालने में कोई परेशानी नहीं हुई, जहां अकसर मेहमानों और विजिटर्स का स्वागत किया जाता था और पठान अंदाज में उनकी खातिरदारी की जाती थी। किसी खास मौके पर हम अपने घरों को पूरी तरह से लोगों से, फूलों और चमचमाती लाइटों से भरा हुआ पाते थे।”
सायरा बानो ने दिलीप कुमार के बारे में बताया कि वह बिना किसी हिचकिचाहट के उनके साथ शॉपिंग करने जाते थे और छोटे ठेलों पर मिलने वाली भेलपूरी और आइसक्रीम का आनंद लिया करते थे। सायरा बानो ने आगे लिखा, “उनका कहना था कि जब कोई आम आदमी मुझसे हाथ मिलाए और कहे कि उसे मेरी फिल्म अच्छी लगी तो यह मेरे लिए सबसे बड़ा अवॉर्ड होता है।”
सायरा बानो ने दिलीप कुमार के लिए आगे लिखा, “जैसा कि मैंने अपनी शादी की सालगिरह पर बताया था, वह हमारे बीच हैं, धीरे से मेरा हाथ थाम रहे हैं और अपनी भावनाओं को बिना शब्दों के ही व्यक्त कर रहे हैं। एक बार फिर मुझे यह पतला चल गया कि मैं अकेली नहीं हूं, न अभी और न आगे कभी।”
