गौरी शिंदे निर्देशित फिल्म डियर जिंदगी एक ऐसी कहानी है जो आज के युवा मन के तल को छूती है। फिल्म में एक्ट्रेस आलिया भट्ट एक युवा लड़की के किरदार में हैं जो कि अपनी रिलेशनशिप्स में लगातार नाकामयाब होने के बाद अपनी लाइफ के प्रति उदासीन हो जाती हैं, वहीं शाहरुख एक मनोचिकित्सक के किरदार में हैं जो उन्हें फिर से जिंदगी से प्यार करना सिखाते हैं। क्योंकि फिल्म की कहानी ज्यादातर युवाओं को उनकी खुद की जिंदगी से जोड़ने में कामयाब रहती है, यही वजह है कि ज्यादातर दर्शक इसे पसंद कर रहे हैं, और फिल्म बॉक्स ऑफिस पर अच्छा बिजनेस कर रही है।

फिल्म के डायलॉग्स शानदार हैं और क्रिटिक्स से इन्हें काफी तारीफें मिली हैं। “बचपन में जब रोना आता है, तो बड़े कहते हैं आंसू पोछो। जब गुस्सा आता है, तो बड़े कहते हैं स्माइल करो ताकि घर की शांति बनी रहे। नफरत करना चाहे तो इज्जत नहीं दी। और जब प्यार करना चाहा तो पता चला कि साला इमोश्नल सिस्टम की गड़बड़ा गया। काम नहीं कर रहा। रोना, गुस्सा, नफरत कुछ भी खुल कर जाहिर नहीं करने दिया, अब प्यार कैसे जाहिर करूं?” फिल्म की कहानी कहीं न कहीं हर शख्स को खुद से जोड़ती है। फिल्म में जो मैसेज देने की कोशिश की गई है वह वाकई शानदार है। तो आइए आपको बताते हैं कि वह क्या चीजें हैं जो फिल्म से सीखने लायक हैं।

1. जिंदगी में आप जैसे-जैसे आगे बढ़ते हैं, आपके पास बस गिने चुने ही दोस्त बचते हैं जो कि पूरी तरह सही है। ज्यादा अच्छे दोस्त होना बेहतर है ज्यादा दोस्त होने से।

2. दुख बिलकुल ठीक चीज है। आपको सब कुछ महसूस करने का अधिकार है। अपनी तकलीफों को लेकर कभी भी परेशान होने की जरूरत नहीं है।

3. कुछ मामलों में माता-पिता को माता-पिता की तरह पेश न आकर बातचीत शुरू करनी चाहिए और आपकी बात को सुनना चाहिए।

4. जब रास्ता ज्यादा मुश्किल हो जाए तो आपको आसान रास्ता चुनने में शर्म करने जैसी कोई बात नहीं है। आपको हर आसान चीज चुनने का हक है।

5. आत्मसम्मान हर चीज से ऊपर है।

6. एक ऐसे समाज में जहां हर कोई आपको जज कर रहा है, लोगों को जज करना बंद कर दीजिए। साथ ही खुद भी दूसरों के जजमेंट से निराश मत होइए।

7. आपको आपके अनुकूल और आरामदायक कुर्सी पर बैठने से पहले कई कुर्सियों पर बैठ कर उन्हें जांचना चाहिए।

8. मेंटल हेल्प की जरूरत होना पूरी तरह से नॉर्मल बात है, इसमें कुछ भी नई बात है।

9. हमें अपने माता-पिता को भी दूसरा मौका देना चाहिए।
10. कभी-कभी हमें रुक कर सांस लेनी चाहिए और जिंदगी के हर उस छोटे लम्हें को इंजॉय करना चाहिए।