फोगट से पहले इस पहलवान ने बनाया था अपनी बेटियों को रेस्लर
भारत में पहलवानी के राज्य के नाम से मशहूर हरियाणा ने कभी महिला कुश्ती को बढ़ावा नहीं दिया। महावीर ने भारत के चंदगी राम अखाड़े में ट्रेनिंग ली थी। ये वही चंदगी राम हैं जिनकी बेटियां भारत की पहली महिला पहलवान थीं। उन्हें भारत में महिला कुश्ती का जनक कहा जाता है। महावीर ने उन्हीं के नक्शेकदम पर चलते हुए अपनी बेटियों को ट्रेनिंग दी और उसके बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। मास्टर चंदगी राम की बेटियों सोनिका कालीरमन और दीपिका कालीरमन ने देश का प्रतिनिधित्व किया। उनकी बड़ी बेटी सोनिका ने तो भारत केसरी का अवॉर्ड भी अपने नाम किया था। जब चंदगीराम ने अपनी बेटियों को रेसलिंग सिखानी शुरु की थी, उस वक्त उनका सभी लोगों ने भारी विरोध किया था। यहां तक कि उनके अपने सगे-संबंधी तक उनके इस फैसले के खिलाफ थे। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और महिलाओं को ट्रेनिंग देने वाला पहला अखाड़ा बनाया। इसके अलावा वो ऐसे कोच बनाने में भी जुटे जो कि महिला रेसलिंग को बढ़ावा देते हों। जब पहली बार उनकी बेटियां मैच के लिए गईं तब ग्रामीणों ने ना केवल उन्हें भगाया बल्कि उनपर पत्थर भी मारे। इसके बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और इस समाज से टक्कर लेते रहे। आखिरकार सोनिका भारत केसरी का टाइटल अपने नाम करने वाली पहली महिला रेसलर बनने में कामयाब रहीं।
बॉक्स-ऑफिस पर दंगल मचाने के लिए तैयार है आमिर खान की फिल्म ‘दंगल’; रिलीज़ हुआ फिल्म का ट्रेलर
फोगट परिवार को आप भारत का पहला महिला रेसलिंग परिवार कह सकते हैं। महावीर की तीन बेटियों ने ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया है। हरियाणा के भिवानी जिले के बलाली गांव के इस परिवार में 6 लड़कियां हैं। देश को वर्ल्ड क्लास रेसलर देने के लिए इस परिवार ने हर मुसीबत का सामना किया है। महावीर ने इस बात का ध्यान रखा कि उनकी बेटियां अपने लक्ष्य को पाने से चूके नहीं। एक सच्ची घटना पर आधारित फिल्म दंगल का ट्रेलर 20 अक्टूबर को रिलीज हो गया। ये महावीर फोगट और उनकी बेटियों की जिंदगी को पूरी तरह से दिखाती है। 3 मिनट के ट्रेलर में कोच महावीर अपनी बेटियों के लिए सफलता वाला मार्ग बनाते हुए दिख रहे हैं। लेकिन सही मायनों में महावीर की कहानी तीन मिनट या तीन घंटे की फिल्म से कहीं बढ़कर है। महावीर की कहानी उनकी केवल दो बेटियों की कहानी नहीं है। इसके उलट उन्होंने अपनी 6 बेटियों, जिनमें 4 गोद ली हुई हैं, उन्हें भी पहलवानी सिखाई है। सभी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सफलता भी हासिल की है।
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महावीर के लिए पहलवानी एक पैशन था। लेकिन वो भारत में इस खेल की ऊंचाईयों को छू नहीं पाए। इसी वजह से उन्होंने अपनी बेटियों को वहां तक पहुंचाने की ठान ली और यह सुनिश्चित किया कि वो सफलता को पा सकें। जहां एक तरफ बॉलीवुड की फिल्मों में कमजोर कहानी देखने को मिलती है, वहीं दंगल में सच्ची कहानी दिखाई जा रही है। हालांकि फिल्म में केवल उनकी दो बेटियों की कहानी दिखाई जाएगी। मगर महावीर ने रितु और संगीता को उच्च श्रेणी का रेस्लर बनाने के लिए उतनी ही मेहनत की है। इसी ट्रेनिंग के बाद उनकी गोद ली हुई बेटियां विनेश और प्रियंका वर्ल्ड बीटर बनीं।
