भारत सरकार और ट्विटर के बीच पिछले कई महीनों से तनातनी जारी है। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने अपने आईटी नियमों में बदलाव किया है जिसके मुताबिक, अब ट्विटर को भारत में कानूनी संरक्षण नहीं मिलेगा। सरकार की मानें तो फेक न्यूज पर प्रतिबंध लगाने के लिए यह कदम उठाया गया है। इधर ट्विटर का कहना है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को रोकने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने हाल ही में समाचार एजेंसी एएनआई को दिए एक इंटरव्यू में स्पष्ट किया कि सरकार किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को बंद करने के पक्ष में नहीं है बल्कि सभी को कानून के तहत काम करना पड़ेगा।
कांग्रेस इस बीच लगातार आरोप लगा रही है कि बीजेपी सरकार विरोध की आवाज़ों को दबाना चाहती है इसलिए ट्विटर पर कारवाई हो रही है। कोंग्रेस की प्रवक्ता अलका लांबा ने न्यूज 24 के डिबेट शो में कहा कि बीजेपी की सरकार डरी हुई है। उन्होंने कहा, ‘अच्छा है ट्विटर नहीं रहेगा तो.. क्योंकि जो जनता घरों में बैठकर ट्विटर पर इनका विरोध कर रही है वो सड़कों पर निकल आएगी। हमें तो लग रहा है एक तरह से अच्छा ही होगा।’
शो के एंकर मानक गुप्ता ने उन्हें टोकते हुए कहा बीजेपी प्रवक्ता राजीव जेटली से कहा, ‘बहुत ही दिलचस्प बात कह रही हैं अलका लांबा। ट्विटर को आपने बंद करने का अगर फैसला किया राजीव जेटली तो जो जनता अपना गुस्सा ट्विटर पर निकालती है वो सड़कों पर आ जाएगी।’
एंकर की बात पर अलका लांबा ने कहा, ‘आपने कहा कि अभी विपक्ष मजबूत हो गया है इसलिए वो भी ट्रेंड चलाता है, वो ट्रेंड ही नहीं चलाता, वो पोल भी कराता है। ट्विटर पर इन्हें आईना दिखाने का काम करता है। आपको बता दूं कि जब प्रधानमंत्री जी के मन की बात पर सबसे ज्यादा अनलाइक आए थे तो इन्होंने अनलाइक का बटन ही हटा दिया था।’
अपनी बात जारी रखते हुए अलका लांबा ने आगे कहा, ‘ये इतना डरे हुए हैं कि 7 साल के बाद बचे तीन सालों में एंटी इनकंबेंसी खड़ा हो रहा है, जो हर मोर्चे पर गिर रहे हैं, उसका तरीका यही है कि प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की तरह अब सोशल मीडिया के भी पर कतरे जाएं, देखते हैं कितने कामयाब होते हैं और मुझे लगता है कि देश की जनता समझदार है, इनसे दो कदम आगे चल रही है।’
