बॉलीवुड के मिस्टर परफेक्शनिस्ट कहे जाने वाले आमिर खान की फिल्मों ने अक्सर तारीफ ही बटोरी हैं लेकिन उनकी एक फिल्म पर काफी विवाद हुआ। फिल्म की भाषा और गानों से नाराज़ होकर कई लोग कोर्ट तक पहुंच गए। फिल्म थी 2011 में आई डेल्ही बैली। इस फिल्म में गाली गलौछ का भरपूर इस्तेमाल हुआ और इसके गानों को कुछ इस अंदाज में गाया गया कि लोग आपत्ति जताने लगे। कांग्रेस नेता अभय दुबे ने इस फिल्म को भारतीय फिल्म इतिहास की सबसे गंदी फिल्म बताया और इसके लिए अदालत में एक जनहित याचिका भी दायर कर दी थी।
अपनी जनहित याचिका में अभय दुबे ने लिखा कि भारतीय फिल्म के इतिहास में इससे गंदी कोई फिल्म नहीं बनी। साथ ही उन्होंने यह सवाल भी किया कि सेंसर बोर्ड ने गालियों से भरी इस फिल्म को किस आधार पर क्लियर कर दिया।
आमिर खान ने कांग्रेस नेता के पीआईएल पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि वो कानून का पूरे तरीके से पालन करते हैं। रजत शर्मा के शो आपकी अदालत पर बोलते हुए उन्होंने कहा था, ‘ऐसा है कि भारत का नागरिक होने के नाते मैं हमेशा कानून का सम्मान करता हूं। लिहाजा, जब तक कोई चीज सेंसर नहीं होती हम आगे नहीं बढ़ते। सेंसर बोर्ड जब एडल्ट सर्टिफिकेशन देता है तो यह सोचकर देता है कि इसे एडल्ट देख सकते हैं और देखना है नहीं देखना है वो खुद तय कर सकता है।’
आमिर ने आगे कहा था, ‘सेंसर बोर्ड ने तभी दिया है इस फिल्म को एडल्ट सर्टिफिकेशन।’ आमिर ने यह भी बार कि ये फिल्म उन्होंने क्यों बनाई। दरअसल उनकी पत्नी उनके रूम में बैठकर उनके फ्री होने का इंतजार कर रही थीं। इसी दौरान उनके टेबल पर पड़े स्क्रिप्ट्स के ढेर से उन्होंने एक स्क्रिप्ट उठाई और पढ़ने लगीं।
स्क्रिप्ट पढ़ते ही वो जोर-जोर से हंसने लगीं। पूरा स्क्रिप्ट पढ़ने के दौरान वो हंसती ही रहीं। जब आमिर ने स्क्रिप्ट पढ़ा तो उन्हें भी हंसी आई और तभी उन्होंने सोच लिया कि वो इस फिल्म की बनाएंगे।
इस फिल्म के गाने ‘भाग डीके बॉस’ पर कई लोगों ने आपत्ति जताई और इसके खिलाफ भी लोग कोर्ट पहुंचे थे। हालांकि आमिर खान ने पहले ही यह कह दिया रहा कि इस फ़िल्म को देखने बच्चे न आएं। बहुत से दर्शकों और फिल्म आलोचकों को फिल्म ने काफी प्रभावित भी किया और आज इसे बॉलीवुड की अच्छी फिल्मों में गिना जाता है।