बीजेपी सांसद और अभिनेता रवि किशन ने भोजपुरी गानों और फिल्मों में अश्लीलता पर प्रतिबंध की बात करते हुए एक सख्त कानून की मांग की है। उन्होंने प्रकाश जावड़ेकर समेत बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की चिट्ठी लिखकर कहा है कि इस तरह की फिल्मों और गानों से युवाओं के मन मस्तिष्क पर बुरा असर होता है। रवि किशन के इस कदम की कुछ लोग सराहना कर रहे हैं तो वहीं कुछ लोग अश्लीलता के मुद्दे पर उन्हें ही घेर रहे हैं।
रवि किशन भोजपुरी सिनेमा में तीन दशक से अधिक समय से काम कर रहे हैं और जब वो भोजपुरी सिनेमा में सक्रिय थे तब उनके भी कुछ गानों पर अश्लील होने के आरोप लगे थे। अब उन्हीं गानों का उदाहरण देकर यूजर्स उन्हें ट्रोल कर रहे हैं। बिहार में लोक गीतों के उत्थान के लिए काम कर रहीं गायिका नेहा सिंह राठौर ने रवि किशन की अश्लीलता पर रोक की खबर को ट्विटर पर शेयर करते हुए अपना रिएक्शन दिया जिसके बाद यूजर्स खूब प्रतिक्रिया दे रहे हैं।
संजय त्रिपाठी नाम के एक यूजर ने लिखा, ‘यही सब करके और गा कर सांसद बने तब याद नहीं आया।’ सुनील द्विवेदी नाम के एक यूजर ने रवि किशन पर तंज कसते हुए लिखा, ‘नौ सौ चूहे खा कर बिल्ली हज को चली।’
आँय! pic.twitter.com/wHfsru82we
— Neha Singh Rathore (@nehafolksinger) June 14, 2021
पन्ने लाल यादव ने रवि किशन की भोजपुरी फिल्म का बेहद ही चर्चित गाने का जिक्र करते हुए ट्वीट किया, ‘तोहार लहंगा उठा देब रिमोट से।’ आपको बता दें कि रवि किशन के इस गाने पर कई लोग अपनी आपत्ति दर्ज़ कराते हैं और इस पर अश्लीलता का आरोप लगाते हैं।
रवि किशन पर तंज कसते हुए और यूजर्स ने भी टिप्प्णी की है। अश्वनी पालीवाल लिखते हैं, ‘बचपन में पढ़े-सुने कई मुहावरों का अर्थ पिछले कई दिनों से ट्विटर पर समझ आ रहा है। 6 दिन पहले समझ आया अपने मुंह मिया मिट्ठू का अर्थ। कल समझ आया राम नाम जपना, पराया माल अपना क्या होता है। और अब समझ आया कि नौ सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली, क्यों कहते हैं।’
गायिका नेहा सिंह राठौड़ ने एक और ट्वीट किया है जिसमें उन्होंने भोजपुरी गानों में जातिसूचक शब्दों के इस्तेमाल पर आपत्ति जताई है। उन्होंने लिखा, ‘जब तक “जादो जी का बेटा है” ” पांडे जी का बेटा है” और “बाबू साहेब का बेटा है” जैसे गाने सुनकर अहिरान,पण्डितान और बबुआन जी के लड़कों का सीना गर्व से चौड़ा होता रहेगा तब तक हम भोजपुरी भाषा पर गर्व नहीं कर सकेंगे।’
जब तक “जादो जी का बेटा है” ” पांडे जी का बेटा है” और “बाबू साहेब का बेटा है” जैसे गाने सुनकर अहिरान,पण्डितान और बबुआन जी के छोकरों का सीना गर्व से चौड़ा होता रहेगा तब तक हम भोजपुरी भाषा पर गर्व नहीं कर सकेंगे!
— Neha Singh Rathore (@nehafolksinger) June 11, 2021
नेहा के इस ट्वीट पर रितेश पांडेय नाम के एक यूजर लिखते हैं, ‘इतनी प्यारी भाषा की ऐसी दुर्गति की है कि क्या बताएं, भोजपुरी मतलब अश्लील बना कर रख दिया है।’
अभिषेक गुप्ता नाम से एक यूजर ने नेहा को जवाब दिया, ‘भोजपुरी बहुत ही मधुर भाषा है। अगर इसमें दोहरे अर्थ वाले शब्द का उपयोग कर किसी विशेष जाति, व्यक्ति को बदनाम करना गैरकानूनी है तो कृपया ऐसे गाने सुनना ही बंद कर दीजिए।’