Bhojpuri Actor Sanjay Pandey: भोजपुरी के जाने माने एक्टर संजय पांडेय ने फिल्मों में अपने निगेटिव रोल को लेकर अपने हालिया इंटरव्यू में काफी कुछ खुलासा किया है। भोजपुरी में लगभग 250 से ज्यादा फिल्में में विलेन का किरदार निभा चुके एक्टर संजय पांडेय ने निगेटिव रोल से जुड़े अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा कि मैं अब अच्छे बुरे दोनों किरदार कर रहा हूं। वैसे तो अब पॉजिटिव ज्यादा अच्छा लगने लगा है। थोड़ा मार खाने से बच जाते हैं। संजय फिल्मों में एक्टर के हाथों पिटने को लेकर आगे कहा कि, मैंने बहुत मार खाई है। 250 फिल्मों तक पीटे हैं। अब लगता है कि न पीटे अब किसी को पीटे। या पिटते हुए देखें आंखों से। मार खाना किसको अच्छा लगता है। जब अच्छा लगा बहुत मार खाई। अब इस इंडस्ट्री में नए- नए बच्चे आ रहे हैं। अब वो मार खाए और हम देखें उनको।

फिल्मों मे फाइट सीन्स को लेकर संजय पांडेय ने कहा कि जिस दिन फाइट होती है मैं मंदिर जाता हू्ं। और जब पता चलता है कि फाइट सीन किसी नए एक्टर के साथ है तो मैं भगवान को झुक कर प्रणाम करता हूं। संजय आगे कहते हैं कि पहले हीरो को लड़ते हुए देखता हूं कि कैसा लड़ रहा है। जब कॉन्फिडेंट होता हूं तभी जाता हूं। क्योंकि कई बार मैं घायल हो चुका हूं।

बता दें संजय पाण्डेय आजमगढ़ के कम्हरिया गांव के रहने वाले हैं। करियर के शुरुआती दिनों में उन्होंने थिएटर किया और बाद फिल्मों की तरफ रुख किया। उनकी पहली भोजपुरी फिल्म ‘कहिया डोली लेके अइबा’ थी जो साल 2001 में आई थी। इस फिल्म के डायरेक्टर राजकुमार आर पाण्डेय थे। यह दोनों की डेब्यू फिल्म थी। संजय पांडेय फिलहाल तेरे संग यारा की शूटिंग में व्यस्त हैं।