फिल्म निर्देशक आशुतोष गोवारिकर अपने स्कूल के दिनों में भले ही इतिहास के विषय में उत्तीर्ण नहीं हुए हों, लेकिन बीते दिनों की अनकही कहानियां हमेशा से उन्हें आकर्षित करती रही हैं। ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर आधारित अपनी आगामी फिल्म ‘मोहेन्जो दारो’ के प्रचार कार्यक्रम में गोवारिकर ने संवाददाताओं को बताया, ‘‘मुझे तिथियां कभी याद नहीं रहतीं। मैं इतिहास के विषय में पास नहीं हुआ… मेरा भूगोल से भी कोई वास्ता नहीं। लेकिन, मुझे अनकही कहानियां लुभाती हैं।’’

निर्देशक ने कहा, ‘‘:मोहेन्जो दारो और सिंधु घाटी सभ्यता का जिक्र करते हुए: जो ये शहर या समाज है, यह ऐसा है जिसे मैं जानता नहीं था। इसने मुझे उस काल की कहानी बयां करने के लिए आकर्षित किया।’’ अपनी पहली फिल्म ‘‘लगान’’ से 52 वर्षीय फिल्मकार ने हमेशा से ऐसे काल को दिखाना पसंद किया है जिनके बारे में इतिहास की किताबों में सिर्फ पढ़ा गया हो। ‘जोधा अकबर’ के बाद सिंधु घाटी सभ्यता के दौर को चित्रित करती ‘मोहेन्जो दारो’ अभिनेता रितिक रोशन के साथ उनकी दूसरी फिल्म है। उन्होंने कहा, ‘‘वहां क्या कुछ हुआ होगा, किस तरह के लोग होंगे और कैसे वे रहते होंगे, इस बात में मेरी दिलचस्पी रही है। मुझे खुशी है मैंने यह फिल्म बनाई और मुझे उम्मीद है कि मैंने फिल्म के साथ न्याय किया है।’’