बॉलीवुड के बेहतरीन अभिनेता अनुपम खेर आज 66 साल के हो गए हैं। 7 मार्च 1955 को जन्में अनुपम खेर ने अपने शानदार अभिनय से बॉलीवुड में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। आज उनके जन्मदिन पर हम आपको उनके फिल्म करियर से जुड़ी कुछ बातें बता रहे हैं – 1987 में रिलीज हुई शेखर कपूर की फिल्म मिस्टर इंडिया का एक डायलॉग ‘मोगैम्बो खुश हुआ एक ज़माने में काफी फेमस हुआ करता था। यहां तक कि आज भी जब ‘मोगैम्बो खुश हुआ’ डायलॉग के मीम्स सोशल मीडिया पर शेयर किए जाते हैं तो उस फिल्म के खलनायक अमरीश पुरी का भयावह रुप लोगों के आंखों के सामने छा जाता है।

लेकिन क्या आपको पता है, इस फिल्म में अमरीश पुरी की जगह अनुपम खेर को खलनायक का रोल दिया गया था? हालांकि एक से दो महीने के भीतर ही इस फिल्म से अनुपम खेर को निकालकर अमरीश पुरी को रख लिया गया था।

अनुपम खेर ने कहा बुरा तो लगा लेकिन अच्छा हुआ- फिल्म वनडे के प्रमोशन के दौरान एक इंटरव्यू में अनुपम खेर ने मिस्टर इंडिया फिल्म से जुड़े अपने राज खोले थे। उन्होंने कहा कि यह फिल्म पहले मुझे ऑफर हुआ था और जब मेरी जगह अमरीश पुरी को यह फिल्म दे दिया गया तो मुझे काफी बुरा लगा था। उनका कहना है कि जब भी किसी एक्टर को किसी फिल्म में रोल देकर कुछ दिन बाद वह रोल छीनकर किसी और को दे दिया जाए तो किसी भी ऐक्टर को इससे बुरा लग सकता है।

हालांकि अनुपम खेर का यह भी कहना है कि जब मिस्टर इंडिया फिल्म रिलीज हुई और जब मैंने उस फिल्म को देखा तब मुझे लगा है कि डायरेक्टर का मुझे निकालकर अमरीश पुरी को यह रोल देने वाला निर्णय बिल्कुल सही था क्योंकि अमरीश पुरी ही मोगैम्बो के रोल में ज्यादा फिट बैठते थे।

 

‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’ भी अनुपम से छीनकर अमरीश को दे दिया गया- मिस्टर इंडिया फिल्म के बाद ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’ फिल्म में जो रोल अमरीश पुरी ने किया है, वो रोल भी पहले अनुपम खेर को दिया था। लेकिन रोल मिलने के कुछ समय बाद यह रोल अमरीश पुरी को दिया गया था और अनुपम खेर को दूसरा छोटा रोल दिया गया था।

 

जब अनुपम खेर ने इस बात को लेकर फिल्म के निर्देशक आदित्य चोपड़ा से सवाल पूछे तो उन्होंने उस रोल को देने से मना कर दिया और समझाया कि आपको अभी जो रोल दिया है, वही रोल आपके लिए ज्यादा फिट है।