फिल्ममेकर और निर्देशक अनुभव सिन्हा शानदार फिल्में बनाने के लिए जाने जाते हैं। साथ ही वो अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर भी खूब एक्टिव रहते हैं। ट्विटर पर अक्सर उनके ट्वीट्स लोगों का ध्यान आकर्षित करते हैं। ऐसा ही कुछ हुआ है उनके हालिया ट्वीट से। उन्होंने अपने ट्वीट में ट्विटर की तुलना छोटे शहरों के उस पान वाली दुकान से कर दी जहां लोग बैठकर लोग घंटो बाते करते हैं।

अनुभव सिन्हा ने ट्विटर पर लिखा, ‘ट्विटर छोटे शहरों का वो पान की दुकान है जहां बैठकर कितना भी ज्ञान पेल लीजिए, होना घंटा कुछ नहीं है। वैसे इस ट्वीट का ज्ञान भी व्यर्थ ही है।’ अनुभव सिन्हा के इस ट्वीट पर यूजर्स भी जमकर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। भानु शरण नाम के यूज़र ने अनुभव सिन्हा को जवाब दिया, ‘ये पनवाड़ी की दुकान अब चलने लगी है, जब स्वघोषित लोग आवारा मसीहा बनने की कोशिश करते हैं। बहुत चुना लगा लिए। अब तो ज्ञान न बांटों।’

तनुश्री शर्मा ने कहा, ‘ये कुछ ऐसा है जहां पर आकर ट्वीट करने अपनी फ्रस्ट्रेशन निकाल दो, पर फिर फ्रस्ट्रेशन डबल हो जाती है।’ दलीप पंचोली ने अनुभव सिन्हा को रिप्लाई किया, ‘जब इतने दिव्य ज्ञान की अनुभूति हो गई है तब फिर इस पान की दुकान पर आता क्यों है भाई?’ सुरेश जोशी ने कहा, ‘चिड़िमार और चिड़ियाबाजी का अड्डा है न कि पान की दुकान का।’ अमन ने लिखा, ‘आप यहां क्या कर रहे हो फिर, तुरंत डिएक्टिवेट करो ट्विटर।’

 

ट्रैवलर नाम के एक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया, ‘नहीं, ट्विटर एक सिनेमा हॉल की तरह है, वहां बैठ कर कितनी भी फिल्में देख लीजिए, होना घंटा कुछ नहीं है।’ सैम नाम के एक यूज़र ने लिखा, ‘और ये बात भी आपको वही पान की दुकान पर आकर बोलना पड़ रही है।’

सर्कास्टिक नाम के एक यूज़र ने लिखा, ‘फिर आप यहां बैठकर क्या कर रहे हैं? चूना लगा रहे हैं?’ रियलसम ने लिखा, ‘ट्विटर ये जानने के लिए सही है कि दुनिया के बाहर भीतर क्या हो रहा है। ट्विटर ने कोविड नहीं बनाया, इसी तरह ट्विटर इसकी वैक्सिन भी नहीं बना सकता। आपने बिल्कुल ठीक कहा, ये पान की दुकान है।’