अनु मलिक बॉलीवुड के नामी गिरामी म्यूज़िक कंपोज़र के तौर पर जाने जाते हैं लेकिन कम ही लोग जानते हैं कि उनके पिता सरदार मलिक भी बॉलीवुड में कंपोज़र के तौर पर काम कर चुके हैं। हालांकि अनु पर कई विदेशी ट्यून्स चुराने का आरोप भी लगता रहा है लेकिन अनु मानते हैं कि उन्होंने बॉलीवुड को शानदार म्यूज़िक भी दिया है। अनु ने बताया कि ‘एक्टर प्रोड्यूसर मोहन चोटी ने मुझे फिल्म हंटरवाली के कुछ गानों को पूरा करने के लिए कहा था। मैंने अपना पहला ही गाना आशा भोंसले के साथ रिकॉर्ड किया था। ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर कामयाब नहीं रही।’

उन्होंने कहा कि ‘एक दौर ऐसा था जब महेश भट्ट ने मुझे संघर्ष के दिनों से बाहर निकाला था। उन्होंने मुझे फिल्म ‘फिर तेरी कहानी याद आई’ में मौका दिया था। पहले मुझे लगा कि ये मेरे बूते से बाहर की बात है लेकिन आखिरकार मैंने इस फिल्म के लिए म्यूज़िक दिया। ये फिल्म लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हुई और फिर मुझे फिल्म बाज़ीगर मिली। मैंने उस साल बाजीगर के लिए फिल्म फेयर अवार्ड जीता जबकि उसी साल लक्ष्मीकांत प्यारेलाल ने फिल्म खलनायक में जबरदस्त म्यूज़िक दिया था। एक दौर वो भी था जब जेपी दत्ता ने मुझे फिल्म बॉर्डर के लिए 11 पेजों का गाना दिया था। गाने का नाम था – ‘संदेशे आते हैं।’

अनु ने बताया कि ‘जावेद अख्तर ने कहा था कि वे एक महीने में इस गाने को पूरा कर पाएंगे। लेकिन मैंने इस गाने को महज साढ़े सात मिनटों में तैयार कर लिया था। दुर्भाग्य से लोग मुझे मेरी गलतियों की वजह से ज्यादा याद रखते हैं। आज जब म्यूज़िक केवल साउंड होकर रह गया है तो केवल मैं ही था जो मेलोडी की पैरवी करता था और अब जब लोग मेलोडी की तरफ कदम बढ़ा रहे हैं तो फिल्ममेकर्स एक बार फिर मुझ पर भरोसा दिखा रहे हैं।’