वरिष्ठ पत्रकार अमिश देवगन का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में वे न्यूज़ चैनल्स और पत्रकारों पर टिप्पणी को लेकर आक्रोशित दिखाई दे रहे हैं। न्यूज़ 18 से जुड़े अमिश देवगन वीडियो में कहते हैं, ‘बड़े लोगों को मीडिया से शिकायत होती है। उनके मैं कहना चाहता हूं। मीडिया अपना काम करता है। अगर आप अपना काम कायदे से नहीं करते हैं तो मीडिया को जिम्मेदार ठहराते हैं।’
अमिश देवगन कहते हैं, ‘कमज़ोर लोग माध्यम पर वार करते हैं और मजबूत लोग माध्यम का इस्तेमाल करते हैं। ये कमज़ोरी की निशानी है। ईवीएम खराब है कमज़ोरी की निशानी है। मीडिया खराब है कमजोरी की निशानी है। बहुत दिनों से मैं सुन रहा हूं कि मीडिया बिकाऊ है। ट्विटर पर एक गैंग है जो नोएडा स्थित चैनलों के बारे में ये सब फैलाता है। मैं इन लोगों से कहना चाहता हूं कि हम देश की बात करते हैं। देश के मुद्दों की बात करते हैं।’
अमिश देवगन ने कहा, ‘कभी टेलीफोन कंपनी को बीच में लेकर आते हैं। क्या मतलब है इसका। देश के अंदर अगर आपको वार करना है तो देश के पूंजीपति ही मिलते हैं। क्यों आपका वार बाहर की कंपनियों पर नहीं होता? आपका वार उन्हीं लोगों पर होता है जो देश की मिट्टी से लोग बने हैं। इस देश की मिट्टी से प्रेम करना बहुत जरूरी है। देश की मिट्टी की महक को सूंघना बहुत जरूरी है। सिपाही का काम है सरहद की रक्षा करना और मीडिया का काम है खबरों को रिपोर्ट करे। लेकिन हमारे देश में जो चलन है वो कमज़ोरी का चलन है।’
लोकतंत्र में जो कमज़ोर व्यक्ति माध्यम पर वार करते हैं, जबकी मज़बूत व्यक्ति उसी माध्यम का इस्तेमाल करता है। #Fact pic.twitter.com/eX0zGplXeG
— Amish Devgan (@AMISHDEVGAN) July 27, 2021
ट्विटर पर यूजर्स की प्रतिक्रिया- पत्रकार मोहम्मद जुबैर ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, ‘रुला दिया ना बेचारे को।’ ट्विटर यूजर दानिश लिखते हैं, ‘कितनी चतुराई से उन्होंने सिर्फ एक ही नाम का इस्तेमाल किया- अमेज़न!’ यूजर विजेंदर के ठाकुर ने लिखा, ‘अमेज़न, एक भारतीय कंपनी है, एकमात्र भारतीय ऑनलाइन रिटेनर है जो भारत में कहीं भी डिलीवरी करती है, रिमोट डिलीवरी में भारी नुकसान को बरकरार रखती है जो ज्यादातर इसके विदेशी निवेशकों द्वारा अवशोषित की जाती है। एक अमेज़न उपयोगकर्ता के रूप में, मैं भारत के लिए अमेज़न इंडिया की प्रतिबद्धता को नमन करता हूं।’
ट्विटर यूजर राजप्रीत सिंह बरार ने लिखा, ‘कुछ दिन रुकिए। आप इन्हें ये भी कहता सुन लेंगे कि आप भारत सरकार को क्यों दोष देते हो, गिरती अर्थव्यवस्था के लिए विदेश की सरकारें जिम्मेदार हैं।’ यूजर आशीष पांडेय लिखते हैं, ‘ये क्या खुद को मीडिया समझते हैं? हमें तो लगता नहीं।’ यूजर विरेंद्र पाटिल लिखते हैं, ‘कल एक और वीडियो शेयर कर ये मत कह देना सिर्फ मोदी को गलत कहना गलत, बाइडेन को भी गलत कहिए पहले।’
ट्विटर यूजर इफ्फी भाई ने लिखा, ‘चल भाई: पेट्रोल की लूट: येदयुरप्पा का त्यागपत्र: गिरी हुई अर्थव्यवस्था: नौकरियों का अभाव: पेट्रोल 100 और सरसों का तेल 200 पर बहस करके अपनी रीड़ की हड्डी साबित करिए।’ यूजर जितेंद्र ने लिखा, ‘ये पहली बार नहीं है इससे पहले की सरकारों ने भी मीडिया का इस्तेमाल किया था। अब तो खुद देवगन जी ने भी बता दिया।’