बॉलीवुड के मशहूर एक्टर राजेश खन्ना और एक्टर अमिताभ बच्चन ने अपनी फिल्मों और अंदाज से लोगों का दिल जीतने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। दोनों ने एक साथ ‘आनंद’, ‘नमक हराम’ और ‘बावर्ची’ जैसी कई फिल्मों में भी काम किया है। ‘नमक हराम’ में यूं तो अमिताभ बच्चन और राजेश खन्ना, दोनों की एक्टिंग को खूब सराहा गया था, लेकिन जहां एक तरफ अमिताभ बच्चन के करियर को फिल्म के बाद से ऊंचाई मिलनी शुरू हो गई थी तो वहीं राजेश खन्ना का स्टारडम धीरे-धीरे कम होने लगा था। फिल्म में अमिताभ बच्चन, राजेश खन्ना का रोल अदा करना चाहते थे। इस रोल के लिए उन्होंने खुद को कमरे में भी बंद कर लिया था।
अमिताभ बच्चन और राजेश खन्ना से जुड़ी इस बात का खुलासा एक्टर असरानी ने फिल्मफेयर को दिए इंटरव्यू में किया था। असरानी ने बताया था कि ‘नमक हराम’ की शूटिंग से पहले ऋषिकेश मुखर्जी ने दोनों को अपने-अपने लिए रोल चुनने के लिए कहा था। उनमें से एक रोल अंत में मर जाता है और ऊस दौरान यह ट्रेंड था कि जो एक्टर स्क्रीन पर मरता है, वह लोगों का दिल जीत लेता है।
असरानी के मुताबिक राजेश खन्ना ने ऑनस्क्रीन मरने का फैसला किया। शूट के फाइनल दिन मोहन स्टूडियो में राजेश खन्ना की हार पहनी हुई तस्वीर टांगी गई। सेट पर अमिताभ बच्चन सुबह 9:30 बजे आए और अपने मेकअप रूम में जाकर बैठ गए। असरानी ने इस बारे में आगे कहा, “10:30 बजे ऋषि दा ने अपने असिस्टेंट को उन्हें बुलाने के लिए भेजा।”
असरानी ने इंटरव्यू में आगे बताया, “असिस्टेंट ने आकर बताया कि अमिताभ गेट नहीं खोल रहे हैं। वह अपने लिए ‘ऑनस्क्रीन मरने का’ रोल न चुनने पर पछता रहे थे। उन्होंने सोचा कि वह ऋषि दा को फिल्म का अंत बदलने के लिए मना लेंगे, लेकिन हार पहने हुई तस्वीर पहले ही लगा दी गई थी, जिससे उन्हें काफी परेशानी हुई। अमिताभ को बुलाने के लिए ऋषि दा आए और दरवाजे पर उन्होंने चिल्लाया ‘क्या हुआ?”
असरानी के मुताबिक अमिताभ बच्चन ने उन्हें जवाब देते हुए कहा, “वो फोटो…” ऋषिकेश मुखर्जी ने चिल्लाते हुए कहा, “क्या मतलब है तुम्हारा? तुमको बोला था कि रोल चुनो और अब तुम अपने फैसले से पीछे नहीं हट सके। वरना मैं राजेश की फोटो हटा दुंगा और फिल्म की शूटिंग भी बंद कर दुंगा।” असरानी ने इंटरव्यू में बताया कि ऋषि दा की बातें सुनने के बाद अमिताभ बच्चन बाहर आए और उन्होंने शूटिंग भी की।
