बॉलीवुड के महानाक अमिताभ बच्चन अपने काम में परफेक्शन डालने के लिए जाने जाते हैं। वह जिस भी किरदार को करते हैं उसे तकरीबन जीवंत कर देते हैं। 1972 में आई उनकी एक फिल्म ‘कुली’ के लिए शूटिंग करते वक्त अमिताभ बुरी तरह जख्मी हो गए थे। असल में उन दिनों खतरनाक दृश्यों के लिए बॉडी डबल्स लेने का चलन था ताकि हीरो सुरक्षित रह सके। हालांकि इससे फिल्म के शॉट में वह बात नहीं आ पाती थी। इसीलिए अमिताभ ने बिना बॉडी डबल के फिल्म के एक एक्शन सीन को करने का फैसला किया। निर्देशक से बातचीत करने के बाद उन्हें यह सीन करने की छूट मिल गई।

सीन कुछ यूं था कि अमिताभ को फाइट सीन के दौरान मेज पर गिरना था और उसके बाद जमीन पर गिरना था। हालांकि यह शॉट बुरी तरह गलत हो गया। जैसे अमिताभ मेज की ओर कूदे तब मेज का कोना उनके पेट से टकराया जिससे इनके आंतों को चोट पहुंची। इतना ही नहीं बिग-बी के शरीर से काफी खून भी बह गया था। चिकित्सा के लिए उन्हें फ्लाइट से फौरन स्पलेनक्टोमी के उपचार हेतु अस्पताल ले जाया गया। वहां कई महीनों तक अमिताभ भर्ती रहे और मौत के मुंह में जाते जाते बचे। इस दौरान देश भर में बिग-बी के फैन्स ने मंदिरों में हवन और मस्जिदों में नमाम पढ़ना शुरू कर दिया। लोगों की दुआएं रंग लाईं और अमिताभ स्वस्थ होकर अस्पताल से बाहर आए।

बता दें कि इसी बीच यह अफवाहें भी उड़ी थीं कि अमिताभ की एक दुर्घटना में मृत्यु हो गई है। इस दुर्घटना की झूठी खबर दूर-दूर तक फैल गई। यहां तक कि यूके के अखबारों की सुर्खियों में भी यह खबर छपने लगी जिसके बारे में कभी किसीने सुना भी नहीं था। यह फिल्म 1963 में रिलीज हुई और आंशिक तौर पर बच्चन की दुर्घटना के असीम प्रचार के कारण बॉक्स ऑफिस पर सफल रही।