दिग्गज फिल्म निर्माता श्याम बेनेगल यह कहते हुए सेंसर बोर्ड के बढ़ते हस्तक्षेप के खिलाफ खड़े हो गये हैं कि वह सृजनात्मक कार्यों के सेंसरशिप में यकीन नहीं रखते और इसे खत्म किया जाना चाहिए।
जेम्स बांड श्रृंखला की फिल्म स्पेक्टर में चुंबन से जुड़े दृश्यों पर बोर्ड द्वारा कैंची चलाये जाने की बात सामने आने के बाद सेंसर बोर्ड प्रमुख पहलाज निहलानी की सोशल मीडिया पर आलोचना की जा रही है। उनके सहकर्मी और बॉलीवुड अभिनेता भी इसके लिए उनकी आलोचना करते नजर आये।
अंकुर, भूमिका, जुनून, निशांत जैसी फिल्में बनाने वाले और 70 के दशक में समानांतर सिनेमा की अगुवाई करने वाले 80 वर्षीय बेनेगल ने कहा कि सेंसर बोर्ड का मौजूदा स्वरूप बहुत उत्साहजनक नहीं है।
अंतरराष्ट्रीय भारतीय फिल्म महोत्सव :इफ्फी: से इतर बेनेगल ने कहा एक वाक्य में, मैं सेंसरशिप समाप्त करने को कहूंगा। व्यक्तिगत रूप से मैं सेंसरशिप में यकीन नहीं करता। यहां सेंसरशिप थोपे जाने से मैं चिंतित हूं जिसका आपकी अभिव्यक्ति की राह में आड़े आने के अलावा कोई वास्तविक उद्देश्य नहीं है।
मैं इस तरह के सेंसरशिप का विरोध करता हूं।’’ उन्होंने कहा ‘‘मीडिया के एक तबके में सेंसरशिप और अध्यक्ष को लेकर चर्चा चल रही है और ना जाने क्यों बहुत अधिक संख्या में लोग इस बहस में शामिल नहीं हो रहे हैं। इस तरह की चीजों का कोई मतलब नहीं है।
इनका कोई स्थान नहीं है।’’ बेनेगल ने कहा कि कुछ अलग तरीकों को अपनाकर सेंसरशिप की विभिन्न स्थितियों से बचा जा सकता है और लोग ऐसा कर रहे हैं।