अभिनेत्री ममता कुलकर्णी को मादक पदार्थों के व्यापारी विकी गोस्वामी से जुड़े करोड़ों रुपए के ड्रग रैकेट में एक प्रमुख आरोपी के तौर पर शनिवार (18 जून) को नामित किया गया। मुंबई पुलिस का दावा है कि कुलकर्णी इस अवैध गतिविधियों में सक्रियता के साथ लिप्त रही और पुलिस केन्या से उनके प्रत्यर्पण का प्रयास करेगी। यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए ठाणे के पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने कहा कि इस मामले में गिरफ्तार एक दंपति के बयान और अमेरिकी मादक पदार्थ प्रवर्तन एजेंसी से मिली सूचना से यह पुष्टि हुई है कि कुलकर्णी इस मामले में एक प्रमुख आरोपी हैं।
उन्होंने कहा कि पुलिस ने कुलकर्णी और गोस्वामी का प्रत्यर्पण कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। ये दोनों केन्या में स्थित हैं और कहा जाता है कि इनके बीच संबंध हैं। इस दिशा में पहला कदम इंटरपोल के जरिए इनके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करना होगा। सिंह ने कहा कि अभी तक की गई जांच से खुलासा हुआ है कि कुलकर्णी अंतरराष्ट्रीय रैकेट में सक्रिय रूप से शामिल थी। इस रैकेट का भंडाफोड़ दो महीने पहले किया गया। कुल मिलाकर इस मामले में 17 आरोपियों में से सात आरोपी अब भी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं। बाकी दस को गिरफ्तार किया जा चुका है और वे न्यायिक हिरासत में हैं।
गत अप्रैल में महाराष्ट्र के सोलापुर जिले में एवॉन लाइफसाइंसेज लिमिटेड के परिसर पर छापेमारी के बाद पुलिस द्वारा करीब 2,000 करोड़ रुपए मूल्य का 18.5 टन एफेड्रिन बरामद करने के बाद इस ड्रग रैकेट का पर्दाफाश हुआ। पुलिस के मुताबिक, नियंत्रित मादक पदार्थ एफेड्राइन को एवॉन लाइफसाइंसेज की सोलापुर इकाई से कथित तौर पर निकालकर उसकी प्रोसेसिंग कर विदेश भेजा जाता था। एफेड्राइन पाउडर का इस्तेमाल सूंघने के लिए किया जाता है। साथ ही इसका इस्तेमाल मादक द्रव्य मेथामफेटामाइन का उत्पादन करने के लिए भी किया जाता है।
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सिंह ने कहा कि पुलिस ने सूचना दी है कि कुलकर्णी और इस रैकेट के अन्य सदस्यों ने केन्या के मोंबासा में 8 जनवरी, 2016 को हुई बैठक में हिस्सा लिया था। दूसरी बैठक 8 अप्रैल को दुबई में हुई जहां गोस्वामी और कुलकर्णी के साथ मोरक्को के दो व्यक्ति मौजूद थे। उस बैठक में यह तय किया गया कि एफेड्राइन को मोंबासा भेजा जाएगा जहां इसकी प्रोसेसिंग कर मेथामफेटामाइन में तब्दील किया जाएगा और उसे अंतरराष्ट्रीय बाजार में बेचा जाएगा। सिंह ने कहा कि पुलिस के पास उपलब्ध सूचना के मुताबिक, एक किलोग्राम मेथामफेटामाइन की कीमत 50,000 डॉलर है। इस मामले में अभी तक गिरफ्तार किए गए लोगों में शामिल एवॉन के दो कार्यकारियों के पास दो करोड़ शेयर थे जिसमें से 11 लाख शेयर कुलकर्णी को आबंटित किए जाने थे और उसे भी कंपनी के निदेशक बोर्ड में शामिल किया जाना था।
उन्होंने कहा कि भारत में गोस्वामी और उसकी बहन द्वारा की जा रही कुलकर्णी के बैंक खातों की देखरेख की भी जांच की जा रही है। इस रैकेट का भंडाफोड़ किए जाने से पहले 100 किलोग्राम एफेड्राइन का एवॉन लाइफसाइंसेज के परिसरों में विनिर्माण किया गया और इसे विमान द्वारा केन्या भेजा गया। सिंह ने बताया कि इसके लिए भुगतान गोस्वामी द्वारा कंपनी के एक निदेशक मुकेश जैन को हवाला के जरिए किया गया। जैन, गोस्वामी से मिलने कई बाद विदेश गए थे। वर्तमान में जेल में बंद आरोपियों में सागर सुरेश पावले, मयूर सुरेश सुखधरे, राजेन्द्र जगदंबाप्रसाद डिमरी, धनेश्वर राजाराम स्वामी, पुनित रमेश श्रृंगी, मनोज तेजराज जैन, हरदीपसिंह इंदरसिंह गिल, नरेन्द्र धीरजलाल काचा, बाबासाहेब शंकर धोत्रे और जय मुलजी मुखी शामिल हैं। वहीं फरार लोगों में किशोर राठौड़ और डाक्टर अब्दुल्ला के तौर पर चिह्नित एक आरोपी जोकि विदेश में स्थित है के साथ उसके दो सहयोगी शामिल हैं। राठौड़ एक पूर्व नेता का पुत्र है।
उन्होंने कहा कि अमेरिकी मादक पदार्थ प्रवर्तन प्रशासन प्राधिकरण पहले ही अब्दुल्ला के बारे में ब्यौरा साझा कर चुका है। इस पूरे रैकेट का पर्दाफाश तब हुआ जब ठाणे की पुलिस ने 18 अप्रैल को मादक पदार्थ के एक मामले में नाइजीरिया के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया। उससे पूछताछ करने पर पुलिस सोलापुर गई जहां एवॉन लाइफसाइंसेज के परिसरों पर छापे मारे गए। कंपनी की फैक्टरी से पाउडर के सैकड़ों नमूने बरामद कर उसे रसायन विश्लेषण के लिए भेजे गए और उनमें से 50 नमूने एफेड्राइन के पाए गए। अन्य नमूनों के परिणाम आने की प्रतीक्षा की जा रही है।