बॉलीवुड के सबसे प्रसिद्ध संगीतकारों में से एक ऑस्कर विजेता ए आर रहमान की बेटी खतीजा रहमान को हमेशा बुर्के में ही देखा गया है और इस कारण उन्हें कई बार ट्रोल भी किया गया है। खतीजा ने हाल ही में एक इंटरव्यू में बताया कि उन्हें बुर्का पहनने के कारण कई बार कम आंका गया। वो अपने नए एनिमेशन वीडियो एल्बम ‘फरिश्ता’ को लेकर न्यूज चैनल एनडीटीवी से बातचीत कर रही थीं। इस वीडियो एल्बम को खतीजा ने अपनी आवाज़ दी है और इसका संगीत उनके पिता ए आर रहमान ने दिया है।
अपने वीडियो एलबम के ज़रिए खतीजा ने बुर्का पहनने वाली महिलाओं को लेकर होने वाले स्टीरियोटाइप को तोड़ने और देश की विविधता को बढ़ाने की कोशिश की है। उन्होंने इंटरव्यू में बताया, ‘यह वीडियो विविधता को स्वीकार करने के लिए भी है सिर्फ़ बुर्का पहनने वाली महिलाओं के लिए नहीं है। यह समय की जरूरत भी है क्योंकि आज मैं देखती हूं कि देश की विविधता को नुक्सान पहुंचाया जा रहा है।’ खतीजा ने बताया कि महिलाओं की कई तरह से स्टीरियोटाइप किया जाता है।
वो बोलीं, ‘महिलाओं को उनके कपड़े पहनने के आधार पर, उनके बोलने के आधार पर और वो हर तरह का चुनाव, जो वो करती हैं, इसके आधार पर उन्हें स्टीरियोटाइप किया जाता है। और यही चीज़ हम तोड़ना चाहते हैं।’ खतीजा ने बताया कि उन्हें कई मौकों पर बुर्का पहनने के कारण कम आंका गया है।
उन्होंने आगे बताया, ‘शायद लोग सोचते हैं कि मैं नहीं बोल सकती और मुझे ज़्यादा पता नहीं है। वो मुझे जज करते हैं। एक इवेंट में मैं अभी हाल ही में गई थी, मेरे साथ वहां अच्छे से वेलकम नहीं किया गया। लेकिन जब मेरा स्पीच ख़त्म हुआ तब कई लोग मेरे पास आए और मुझे बधाई दी। इससे यह साबित होता है कि मैं जो पहनती हूं उससे मुझे जज नहीं किया जा सकता। मेरी एक अपनी पहचान और टैलेंट है।’
खतीजा ने बताया कि इस वीडियो एलबम के पीछे उनके पिता ए आर रहमान का बहुत बड़ा योगदान है। उन्होंने बताया, ‘गाना सुनकर मेरे पिता बहुत खुश हुए। उन्होंने इसे बनाने में मेरा बहुत सपोर्ट किया।’