पंजाब सीएम चरणजीत सिंह चन्नी के भाई को कांग्रेस से टिकट नहीं मिला है। जिसके बाद पार्टी से खफा होकर उन्होंने निर्दलीय मैदान में उतरने का ऐलान कर दिया है।

मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के भाई मनोहर सिंह को जब टिकट नहीं मिला तो वो पार्टी पर आग बबूला दिखे। खरड़ सिविल अस्पताल से वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी के पद से इस्तीफा देने वाले मनोहर सिंह की नजर बस्सी पठाना सीट पर थी, यहीं से वो चुनाव लड़ना चाहते थे। वहीं कांग्रेस ने बस्सी पठाना विधानसभा सीट से मौजूदा विधायक गुरप्रीत सिंह जीपी को ही मैदान में उतारा है।

इससे खफा हो मनोहर सिंह ने कहा कि वह निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर बस्सी पठाना से ही चुनाव लड़ेंगे। मनोहर सिंह ने रविवार को कहा कि गुरप्रीत सिंह जीपी को टिकट देना क्षेत्र के लोगों के साथ अन्याय है। उन्होंने आरोप लगाया कि मौजूदा विधायक अक्षम और अप्रभावी है।

मनोहर सिंह ने पीटीआई से बात करते हुए कहा कि बस्सी पठाना क्षेत्र के कई प्रमुख लोगों ने मुझे निर्दलीय के रूप में लड़ने के लिए कहा है और उन्होंने जो कहा है, मैं उसका पालन करूंगा। वापस जाने का कोई सवाल ही नहीं है और मैं निश्चित रूप से चुनाव लड़ूंगा।

चन्नी के भाई ने आगे कहा कि उन्होंने कई पार्षदों, गांव के सरपंच और पंच से मिलने के बाद निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ने का फैसला किया। उन्होंने कहा- ‘‘लोगों ने मुझसे कहा कि गुरप्रीत सिंह को टिकट देना गलत है। उन्होंने पहले कुछ नहीं किया था और अब उन्हें फिर से थोप दिया गया है। वह अपने भाई चन्नी से बात करेंगे और उन्हें अपने फैसले के बारे में समझाएंगे”।

बता दें कि कांग्रेस ने शनिवार को पंजाब चुनाव के लिए 86 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की है। जिसमें चमकौर साहिब से मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और अमृतसर पूर्व से पीसीसी प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू को मैदान में उतारा गया है। पंजाब विधानसभा की 117 सीटों के लिए 14 फरवरी को मतदान होगा और मतगणना 10 मार्च को होगी।