‘बादल’ पंजाब के निवर्तमान मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल का पैतृक गांव है। पूरे इलाके में इस गांव को वीआईपी गाँव के रूप में जाना जाता है। गांव तक चार लेन की सड़क जाती है। आधुनिक मल्टी-स्पोर्ट स्टेडियम है। सिविल अस्पताल है। यहां के वृद्धाश्रम पानी की व्यवस्था और लड़के-लड़कियों के कई स्कूलों में ये साफ झलकता है कि ये सीएम बादल का पैतृक इलाका है। इलाके के लोग कई दशकों से बाद के शिरोमणी अकाली दल को वोट देते आ रहे हैं। स्थानीय अकाली नेता तेजिंदर सिंह मिद्दुखेड़ा कहते हैं कि लम्बी विधान सभा के अंतर्गत आने वाले इस गांव में “सारे लोग” पांच बार सीएम रह चुके बादल का समर्थन करते हैं।

गांव के कुछ घरों पर आम आदमी पार्टी के झंडे लगे होने पर तेजिंदर कहते हैं, “अगर कुछ घरों पर आप के झंडे हैं तो बाकी घरों पर अकालियों के झंड हैं। बादल साब ने राज्य के लिए बहुत कुछ किया है। उनके द्वारा किया गया विकास हर कोई देख सकता है।” गांव में स्थित बादल परिवार के आलीशान पैतृक घर के पास स्थित साइकिल की दुकान पर आग ताप रहे लोगों के बीच बैठने पर गांव में बादल परिवार के खिलाफ अंदरखाने पनप रही नाराजगी की भनक मिलने लगती है।

23 वर्षीय सतपाल सिंह 12वीं तक पढ़े हैं और उनके पास नौकरी नहीं है। सतपाल कहते हैं, “यहां कोई नौकरी नहीं है। मैंने बादल के घर (गांव में स्थित) कई बार गया लेकिन कुछ नहीं हुआ।” सतपाल का दर्द है कि उनके पिता मजदूर थे और अब वो भी मजदूर बनकर रह जाएंगे। वो पूछते हैं, “हम कितनी पीढ़ियों तक उनके घरों में मजदूर बने रहेंगे? हम उन्हें वोट क्यों दें?” लेकिन बादल समर्थक इन आरोपों को खारिज करते हैं। अकाली समर्थक जसपाल सिंह कहते हैं, “बादल साब भले आदमी हैं लेकिन उनके आसपास करप्ट लोग हैं।”

बादल गांव में जाती सड़क। (तस्वीर-कंचन वासदेव)

लम्बी विधान सभा में अकालियों का लम्बे समय से दबदबा रहा है। लम्बी विधान सभा में कुल 1.55 लाख वोटर हैं। इनमें से 35 हजार वोट बादल के पैतृक गांव से हैं। साल 2012 के विधान सभा चुनाव में कुल 1.22 लाख वोट पड़े थे जिसमें से प्रकाश सिंह बादल को 68 हजार वोट मिले थे। उन्होंने कांग्रेसी उम्मीदवार को 24 हजार वोटों से हराया था। साल 2014 के लोक सभा चुनाव में बादल की बहू हरसिमरत कौर बादल को लम्बी से 69 हजार वोट मिल थे। यहां से आम आदमी पार्टी को हरसिमरत से करीब 10 गुना कम वोट मिले थे।

गांव की दलित बस्ती4 वेहरा में रहने वाले 65 वर्षीय काका सिंह पहले अकाली समर्थक थे। अब वो आप समर्थक बन गए हैं। वेहरा में सड़कों का स्तर ऊंचा होने के कारण पानी लग जाता है। कई घर टपकते हैं। कई जगहों पर गोबर के ढेर देखे जा सकते हैं। गांव के सम्पन्न इलाके की चमक-दमक इस इलाके में गायब दिखती है। काका कहते हैं, “इस गांव में हमारे लोग आप के बारे में बात करने में डरते हैं लेकिन मैं नहीं।” काका आगे कहते हैं, “मेरा घर चू रहा है। मेरे बेटे के पास काम नहीं है। मैं आप को समर्थन दूंगा। मैं बादल के साथ 35-40 साल रहा। मैं उनके साथ एक महीने जेल में भी रहा लेकिन वो आज तक मेरे घर नहीं आए। जरनैल सिंह आए जबकि मैं उन्हें केवल कुछ दिनों से जानता हूं।” आम आदमी पार्टी का मफलर और टोपी पहने हुए काका कहते हैं, “यहां स्थित 200 घरों में से ज्यादातर आप को वोट देंगे। ”

वेहरा में रहने वाले हरगोबिंद सिंह अकाली समर्थक हैं। वो कहते हैं, “बादल साब ने लोगों के लिए जो किया उसे देखिए।  लोगों की पेंशन दोगुनी हो गयी है। ग्रांट की बारिश हुई है। हमारे पास स्टेडियम और अस्पताल है। कुछ लोग अंधे हो चुके हैं। वेहरा के 90 प्रतिशत लोग अकाली दल को वोट देंगे।” लम्बी विधान सभा सीट से कांग्रेस ने अमरिंदर सिंह को उतारा है। अमरिंदर के मैदान में उतरने से इलाके के कांग्रेस समर्थकों में उत्साह है। कांग्रेस समर्थक नक्षत्र सिंह कहते हैं, “अमरिंदर सिंह के आने से  कांग्रेस के स्थानीय गुट एकजुट हो जाएंगे और पार्टी अच्छा प्रदर्शन करेगी।”