Education: युद्ध के बाद यूक्रेन ने फिर से अपनी शिक्षा व्यवस्था को बहाल किया है। यूक्रेन ने भारतीय छात्रों को फिर से पढ़ाई के लिए लौटने को कहा है। वहीं यूक्रेनविश्वविद्यालयों ने यूरोप के कुछ संस्थानों से साथ करार भी किया है, जहां भारतीय छात्र पढ़ाई कर सकते हैं।

इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के अनुसार यूक्रेनी विश्वविद्यालयों के अधिकारी चाहते हैं कि भारतीय छात्र यहां आकर फिर से पढ़ाई शुरू करें। छात्र पढ़ाई के लिए ऑनलाइन कक्षाएं भी कर सकते हैं। साथ ही छात्र अन्य देशों के विश्वविद्यालयों के जरिए भी दाखिले के लिए नामांकन कर सकते हैं।

1 सितंबर से शुरू हो रहा सेमेस्टर
यूक्रेनी विश्वविद्यालयों ने यूरोप के बाकी हिस्सों में कुछ संस्थानों के साथ करार किया है, जहां वे अपने एक्सचेंज छात्रों के रूप में अध्ययन करना जारी रखेंगे। अधिकांश यूक्रेनी विश्वविद्यालयों के लिए अगला सेमेस्टर 1 सितंबर से शुरू हो रहा है। इसलिए छात्रों को फीस भरने और निर्णय लेने के लिए अगले सप्ताह तक का समय दिया गया है।

कुछ विश्वविद्यालयों ने छात्रों से यह भी कहा है कि उन्होंने भारत में राष्ट्रीय चिकित्सा परिषद (एनसीएम) के साथ-साथ यूक्रेन में भारतीय दूतावास को भी लिखा है। इन विश्वविद्यालयों ने कहा कि यूक्रेन से लौटे मेडिकल छात्रों के फैसले या ऑनलाइन कक्षाओं को जारी रखने की वैधता पर उन्हें उनसे स्पष्टता नहीं मिली।

महाराष्ट्र में एमडी हाउस के एक प्रतिनिधि डॉ औधूत निदगुडे ने कहा कि ऑनलाइन कक्षाओं या अन्य देशों में गतिशीलता जारी रखने के विकल्पों पर विचार किया जा रहा है, लेकिन उन्होंने कोई और विवरण नहीं दिया।

बता दें कि एमडी हाउस एक एजेंसी है जो चेर्नित्सि में बोकोविनियन स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी (बीएसएमयू) के लिए छात्रों की भर्ती करती है, जिसमें 1,800 से अधिक भारतीय छात्र हैं।

भारतीय छात्रों को यह भी दिया गया विकल्प
बीएसएमयू के कुछ छात्रों ने इंडियन एक्सप्रेस के साथ एक पत्र साझा किया जिसमें कहा गया था कि विश्वविद्यालय उन लोगों के लिए ऑफ़लाइन मोड में कक्षाएं फिर से शुरू कर रहा है जो यूक्रेन आ सकते हैं, जबकि ऑनलाइन मोड उन लोगों के लिए पेश किया जाएगा जो इस समय वापस नहीं जा सकते हैं। युद्ध प्रभावित क्षेत्रों में से एक कीव में तारास शेवचेंको नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी के एक छात्र ने भी पुष्टि की कि छात्रों को ऑफलाइन कक्षाओं को फिर से शुरू करने के बारे में सूचित कर दिया है।

वहीं एनएमयू में तीसरे वर्ष के छात्र मुदित मेहरोत्रा, जो वर्तमान में अपने गृहनगर वाराणसी में हैं, ने कहा कि एजेंसी से छात्रों को जॉर्जिया स्थानांतरित करने की उम्मीद है। मेहरोत्रा ​​ने कहा कि प्रक्रिया चल रही है और अक्टूबर के मध्य तक चलने की उम्मीद है, जिसका मतलब है कि हम तब तक वहां जा सकते हैं