विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) 18 नवंबर, 2020 से ऑड सेमेस्टर क्लास शुरू कर सकता है। इससे पहले आयोग ने वर्ष 2020-21 के लिए दिशा-निर्देश और शैक्षणिक कैलेंडर जारी किया था, जिसमें बताया गया था कि कक्षाएं नवंबर में शुरू होंगी। हालांकि अभी कई यूनिवर्सिटीज में फाइनल ईयर एग्जाम हो चुके हैं और कुछ में होने बाकी हैं। यूजीसी ने पहले ही साफ कर दिया था कि बिना एग्जाम के किसी भी फाइनल ईयर के स्टूडेंट को डिग्री नहीं दी जाएगी। दरअसल यूजीसी द्वारा एग्जाम के बिना फाइनल ईयर के स्टूडेंट्स को डिग्री नहीं देने के फैसले का विरोध हुआ था। बाद में यह मामला सुप्रीम कोर्ट में गया। सुप्रीम कोर्ट से भी एग्जाम कराने को हरी झंडी मिल गई। तय हुआ कि एग्जाम 30 सितंबर तक पूरे कराने होंगे। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने यूनिवर्सिटीज को राहत दी की अगर किसी यूनिवर्सिटी को कोई दिक्कत है तो वह यूजीसी से बात कर सकता है।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने पहले साल के बैच का 2020-21 एकेडमिक ईयर के लिए गाइडलाइंस जारी कर दी हैं। आयोग ने सभी विश्वविद्यायों से कहा है कि एडमिशन की प्रक्रिया 31 अक्टूबर तक पूरी हो जानी चाहिए। परीक्षाएं 8 मार्च 2021 से 26 मार्च 2021 के बीच आयोजित होंगी। यूजीसी ने सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को निर्देश दिया है कि पढ़ाई को हुए नुकसान की भरपाई के लिए सप्ताह में छह दिन पढ़ाई होनी चाहिए। इसके अलावा इस वर्ष की सर्दियों की छुट्टियों और अगले वर्ष की गर्मियों की छुट्टियों में भी कटौती होनी चाहिए।
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सुप्रीम कोर्ट ने कहा, कि राज्य के आपदा प्रबंधन अधिकारियों द्वारा पिछले सेमेस्टर/ वर्ष के परिणामों के आधार पर अंतिम वर्ष के छात्रों को प्रोमोट करने का फैसला डीएम अधिनियम के तहत राज्यों की यूनिवर्सिटी के अधिकार क्षेत्र में नहीं है और ऐसा कोई भी निर्णय लेने का अधिकार सिर्फ यूजीसी के पास है।
अदालत ने माना कि राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को UGC के दिशानिर्देशों के विपरीत जाकर परीक्षा न कराने के आदेश देने का अधिकार है, इसलिए अदालत राज्यों को यह अनुमति देती है कि वे UGC से एग्जाम कराने की डेडलाइन में छूट मांग सकते हैं।
अदालत ने कहा है कि राज्य परीक्षाएं कराने के लिए UGC से और समय मांग सकते हैं मगर बगैर परीक्षा कराए छात्रों को प्रोमोट नहीं कर सकते क्योंकि यूनिवर्सिटी को UGC के ऊपर अधिकार नहीं हैं। सभी राज्य इस माह परीक्षाएं पूरी कराने के लिए तैयारी में जुटे हैं।
सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय ने अंतिम वर्ष की परीक्षाओं के लिए प्रैक्टिस एग्जाम आयोजित किए हैं, जो आज से 11 अक्टूबर तक होंगे। एक सोशल मीडिया पोस्ट में, विश्वविद्यालय ने कहा कि अभ्यास परीक्षा उन छात्रों के लिए आयोजित की जाती है जिन्होंने ऑनलाइन परीक्षा का विकल्प चुना है। प्रैक्टिस एग्जाम से छात्रों को परीक्षा के लिए उपयोग किए जाने वाले कंप्यूटर सिस्टम और मोबाइल ऐप को समझने में मदद करेगा।
सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय (एसपीपीयू) के बैकलॉग और फ्रेशर दोनों छात्रों की अंतिम वर्ष की डिग्री परीक्षा में और देरी हो गई है, विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने कहा कि अब बैकलॉग छात्रों के लिए परीक्षाएं 12 अक्टूबर से शुरू होंगी।
कोई भी छात्र, जो अंतिम सेमेस्टर के लिए परीक्षा शुल्क और फॉर्म जमा कर चुका है, लेकिन किसी भी तरह से परीक्षा क्षेत्र में रहने के कारण परीक्षा में उपस्थित नहीं हो पा रहे हैं या कोरोना पॉजिटिव हैं, वे अपने कॉलेज या यूनिवर्सिटी को पहले इस बारे में सूचित कर दें।
यदि छात्र के पास आंसर शीट को स्कैन करने या पीडीएफ के रूप में एक फाइल भेजने के लिए संसाधन नहीं हैं, तो वह निकटतम विभाग/ कॉलेज/ संस्थान या क्षेत्रीय केंद्र में निर्धारित समय में अपनी आंसर शीट जमा कर सकते हैं।
प्रत्येक छात्र को प्रश्न पत्र के कुल प्रश्नों का कम से कम 50 प्रतिशत हल करना होगा। पेपर हल करने के बाद, उम्मीदवार अपनी आसंर शीट स्कैन करके एक pdf फाइल बनाएंगे। यह pdf फाइल विभाग/ कॉलेज द्वारा दी गई ईमेल पर भेजनी होगी।
छात्र द्वारा उपयोग किए गए कुल पेज आंसर शीट के पहले पेज पर लिखने होंगे। छात्र आंसर शीट के अंत में यह भी सत्यापित करेगा कि यह पेपर केवल उसकी स्वयं की लिखावट में है। छात्र प्रत्येक पेज पर पेज नंबर भी लिखेंगे।
दिशानिर्देशों के अनुसार, शैक्षणिक सत्र 2020-21 के पहले वर्ष के लिए मेरिट आधारित प्रवेश अक्टूबर 2020 के अंत तक पूरा होना चाहिए। शेष रिक्त सीटों को भरने के लिए प्रवेश की अंतिम तिथि 30 नवंबर, 2020 होगी।
दृष्टिबाधित/ दिव्यांग छात्रों को पेपर हल करने के लिए 40 मिनट अतिरिक्त दिए जाएंगे। हालांकि, उम्मीदवार अपने पेपर लिखने के लिए अपने राइटर्स की व्यवस्था स्वयं करेंगे।
प्राइवेट छात्र अपने प्रश्न पत्र को वेबसाइट से या परीक्षा शाखा (पंजाबी विश्वविद्यालय) के वेब लिंक पर अपने एडमिट कार्ड से डाउनलोड कर सकते हैं। स्नातक कक्षाओं के छात्रों के लिए परीक्षा सत्र सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक होगी।
यूजीसी द्वारा जारी नोटिस के मुताबिक, 'विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट के आधार पर 21.09.2020 को आयोजित अपनी आकस्मिक बैठक में आयोग ने COVID19 महामारी के मद्देनजर सत्र 2020-21 के लिए विश्वविद्यालयों के स्नातक और स्नातकोत्तर छात्रों के पहले वर्ष के लिए अकादमिक कैलेंडर पर यूजीसी के दिशानिर्देशों को मंजूरी दे दी।'
यूजीसी ने एक नोटिस जारी कर कहा, 'यूजीसी ने फिर से विशेषज्ञ समिति से 29-04.2020 और 06-07-2020 के दिशानिर्देशों को फिर से जारी करने और सत्र 2020-2021 के लिए यूजी और पीजी कार्यक्रमों के पहले वर्ष के लिए एक अकादमिक कैलेंडर का सुझाव देने का अनुरोध किया।'
यूजीसी के अनुसार, विश्वविद्यालयों को 1 नवंबर, 2020 से सेमेस्टर शुरू करने के लिए निर्देशित किया गया था, अगर 31 अक्टूबर तक दाखिले पूरे हो गए थे। हालांकि प्रवेश में देरी के मामले में, कक्षाएं 18 नवंबर, 2020 से आयोजित की जा सकती हैं।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) द्वारा जारी गाइडलाइंस के मुताबिक, घोषित कार्यक्रम के अनुसार संस्थानों को 31 अक्टूबर, 2020 तक प्रवेश प्रक्रिया पूरी करनी है।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) 18 नवंबर, 2020 से ऑड सेमेस्टर क्लास शुरू कर सकता है। इससे पहले आयोग ने वर्ष 2020-21 के लिए दिशा-निर्देश और शैक्षणिक कैलेंडर जारी किया था, जिसमें बताया गया था कि कक्षाएं नवंबर में शुरू होंगी।
परीक्षा के दिन, क्वेश्चन पेपर ईमेल के माध्यम से या व्हाट्सएप के माध्यम से या विभाग या कॉलेज की वेबसाइट पर छात्रों को उपलब्ध कराया जाएगा। इसलिए, छात्रों को निर्देश दिया जाता है कि वे अपने विभागों /कॉलेजों के साथ निरंतर संपर्क में रहें ताकि निर्देशों का ठीक से पालन किया जा सके।
पंजाब विश्वविद्यालय में परीक्षा शनिवार और रविवार सहित 17 दिनों तक जारी रही। इन दिनों तीन स्लैबों में यानी सुबह 9 से 11 बजे, सुबह 10 से 12 बजे और दोपहर 2 से शाम 4 बजे तक कुल 1,400 परीक्षाएं आयोजित की गईं।
इस साल महामारी के कारण परीक्षा ऑनलाइन आयोजित करने का निर्णय भी लिया गया है। अन्य राज्यों और देश-विदेश के कई छात्र भी पुणे, अहमदनगर और नासिक जिलों के कॉलेजों से मान्यता प्राप्त हैं, जो परीक्षा के लिए उपस्थित होंगे। विभिन्न कॉलेजों के कुल 3.64 लाख छात्र यूनिवर्सिटी से संबद्ध हैं, जिनमें से 2.23 लाख छात्र नियमित छात्र हैं।
गैर-शिक्षण कर्मचारियों की हड़ताल, परीक्षा की तारीखें अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के साथ टकराव और एजेंसी की नियुक्ति में देरी, जो परीक्षा आयोजित करने वाले कार्यक्रम पर काम कर रही है, जैसे कई कारणों से परीक्षा में देरी हुई है।
सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय, एसपीपीयू प्रशासन ने घोषणा की कि अंतिम वर्ष की परीक्षाएं स्थगित हैं। अंतिम वर्ष के छात्रों की परीक्षाएं 5 अक्टूबर, 2020 से आयोजित की जानी थीं, लेकिन समय सारणी जारी नहीं की गई थी। परीक्षाएं अब 12 अक्टूबर, 2020 से आयोजित की जाएंगी।
यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ डिस्टेंस एंड ओपन लर्निंग (IDOL) में 1,580 में से 1,283 छात्र परीक्षा के लिए उपस्थित हुए, जबकि MU के विभागों में अध्ययनरत 981 में से 898 छात्रों ने परीक्षा दी। विश्वविद्यालय ने एक बयान में कहा कि विभिन्न कारणों से कुछ छात्र परीक्षा में शामिल नहीं हो पाए।
कुछ परीक्षाओं के लिए, मॉक टेस्ट आयोजित किए जाने बाकी हैं। यदि किसी छात्र को तकनीकी गड़बड़ या किसी अन्य कठिनाई के कारण परीक्षा छूट गई हो, तो बोर्ड परीक्षा और मूल्यांकन निदेशक डॉ. विनोद पाटिल ने कहा, “एमयू के बयान में कहा गया है कि छात्र को फिर से परीक्षा में बैठने की अनुमति होगी।"
कामधेनु विश्वविद्यालय (केयू) के साथ गुजरात राज्य के चार अलग-अलग कृषि विश्वविद्यालयों के 11 कॉलेजों को लाने का एक विधेयक गुरुवार देर रात गुजरात विधानसभा में बहुमत से पारित हो गया। अब 11 कॉलेज यूनिवर्सिटी के साथ जुड़ेंगे।
कलकत्ता विश्वविद्यालय ने सोमवार को जानकारी दी है यूनिवर्सिटी के फाइनल ईयर के छात्रों की परीक्षा डिजिटल मोड से ली जाएगी। डिजिटल मोड पर प्रश्नपत्रों का जवाब देने के छात्रों को दो घंटे का समय दिया जाएगा।
कोई भी छात्र, जो अंतिम सेमेस्टर के लिए परीक्षा शुल्क और फॉर्म जमा कर चुका है, लेकिन किसी भी तरह से परीक्षा क्षेत्र में रहने के कारण परीक्षा में उपस्थित नहीं हो पा रहे हैं या कोरोना पॉजिटिव हैं, वे अपने कॉलेज या यूनिवर्सिटी को पहले इस बारे में सूचित कर दें।
यदि छात्र के पास आंसर शीट को स्कैन करने या पीडीएफ के रूप में एक फाइल भेजने के लिए संसाधन नहीं हैं, तो वह निकटतम विभाग/ कॉलेज/ संस्थान या क्षेत्रीय केंद्र में निर्धारित समय में अपनी आंसर शीट जमा कर सकते हैं।
प्रत्येक छात्र को प्रश्न पत्र के कुल प्रश्नों का कम से कम 50 प्रतिशत हल करना होगा। पेपर हल करने के बाद, उम्मीदवार अपनी आसंर शीट स्कैन करके एक pdf फाइल बनाएंगे। यह pdf फाइल विभाग/ कॉलेज द्वारा दी गई ईमेल पर भेजनी होगी।
अदालत में दलील पेश की गई थी कि चूंकि डिग्री यूजीसी द्वारा प्रदान की जाती है इसलिए यूजीसी को परीक्षाएं आयोजित कराने का आदेश देने का अधिकार है। आपदा प्रबंधन अधिनियम के अनुसार, केंद्र सरकार इस मामले में राज्य सरकार को निर्देश दे सकती है। अदालत ने इस दलील को सही माना है।
UGC का कहना है कि राज्य परीक्षाओं को स्थगित करने की मांग तो कर सकते हैं, मगर बगैर परीक्षा के किसी भी हाल में डिग्री नहीं दी जा सकती। आयोग प्रोमोटेड छात्रों को डिग्री नहीं देगा, इसलिए परीक्षा कराना अनिवार्य है। सुप्रीम कोर्ट ने इसे सही ठहराते हुए आयोग के पक्ष में अपना फैसला सुनाया।
इस साल महामारी के कारण परीक्षा ऑनलाइन आयोजित करने का निर्णय भी लिया गया है। अन्य राज्यों और देश-विदेश के कई छात्र भी पुणे, अहमदनगर और नासिक जिलों के कॉलेजों से मान्यता प्राप्त हैं, जो परीक्षा के लिए उपस्थित होंगे। विभिन्न कॉलेजों के कुल 3.64 लाख छात्र यूनिवर्सिटी से संबद्ध हैं, जिनमें से 2.23 लाख छात्र नियमित छात्र हैं।
पंजाब विश्वविद्यालय में परीक्षा शनिवार और रविवार सहित 17 दिनों तक जारी रही। इन दिनों तीन स्लैबों में यानी सुबह 9 से 11 बजे, सुबह 10 से 12 बजे और दोपहर 2 से शाम 4 बजे तक कुल 1,400 परीक्षाएं आयोजित की गईं।
परीक्षा के दिन, क्वेश्चन पेपर ईमेल के माध्यम से या व्हाट्सएप के माध्यम से या विभाग या कॉलेज की वेबसाइट पर छात्रों को उपलब्ध कराया जाएगा। इसलिए, छात्रों को निर्देश दिया जाता है कि वे अपने विभागों /कॉलेजों के साथ निरंतर संपर्क में रहें ताकि निर्देशों का ठीक से पालन किया जा सके।
क्वेश्चन पेपर ईमेल और व्हाट्सएप के माध्यम से छात्रों को भेजे जाएंगे। छात्र अपनी आंसर शीट भी ऑनलाइन ही जमा करेंगे। यदि कोई छात्र ऐसा करने में विफल रहता है तो वह अपनी आंसर शीट की हार्ड कॉपी पोस्ट के माध्यम से विश्वविद्यालय को भेजेगा।
गैर-शिक्षण कर्मचारियों की हड़ताल, परीक्षा की तारीखें अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के साथ टकराव और एजेंसी की नियुक्ति में देरी, जो परीक्षा आयोजित करने वाले कार्यक्रम पर काम कर रही है, जैसे कई कारणों से परीक्षा में देरी हुई है।
सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय, एसपीपीयू प्रशासन ने घोषणा की कि अंतिम वर्ष की परीक्षाएं स्थगित हैं। अंतिम वर्ष के छात्रों की परीक्षाएं 5 अक्टूबर, 2020 से आयोजित की जानी थीं, लेकिन समय सारणी जारी नहीं की गई थी। परीक्षाएं अब 12 अक्टूबर, 2020 से आयोजित की जाएंगी।
राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने एक बयान जारी कर पुष्टि की कि उनकी परीक्षा अनिश्चित काल के लिए टाल दी गई है। औरंगाबाद, अमरावती और जलगांव विश्वविद्यालयों से परिपत्र भी ऑनलाइन परीक्षा के स्थगित होने का एक ही कारण बताते हुए जारी किए गए थे
चार विश्वविद्यालयों में परीक्षाओं का फिलहाल के लिए टाल दिया गया है। इनमें औरंगाबाद, अमरावती, जलगांव और अब राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय शामिल हैं। अन्य राज्यों में फाइनल ईयर एग्जाम की ताजा जानकारी के लिए हमारे अपडेट्स को फॉलो कर सकते हैं।
गैर-कृषि विश्वविद्यालयों के गैर-शिक्षण कर्मचारियों के लिए सातवें वेतन आयोग को लागू नहीं करने को लेकर 24 सितंबर से कर्मचारियों की एक्शन कमेटी हड़ताल पर है। जिसकी वजह से महाराष्ट्र में चार विश्वविद्यालयों में परीक्षाओं का फिलहाल के लिए टाल दिया गया है।