Supreme Court TET Verdict 2025 Key Highlights for Teachers: सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षकों की योग्यता परीक्षा टीईटी (Teacher Eligibility Test) को लेकर एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। यह फैसला विशेष रूप से उन सेवा में रहे शिक्षकों के लिए अहम है जिन्होंने लंबे समय से शिक्षण पेशे में हैं लेकिन टीईटी पास नहीं किया है। हालांकि यह मामला महाराष्ट्र से उत्पन्न हुआ था, इसके प्रभाव पूरे देश में शिक्षा क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गए हैं।

Supreme Court TET Verdict 2025: 5 साल से कम सेवा शेष होने वाले शिक्षक

सुप्रीम कोर्ट ने उन वरिष्ठ शिक्षकों को बड़ी राहत दी है जिनके सेवानिवृत्ति तक 5 साल से कम समय बचा है। इन शिक्षकों को टीईटी परीक्षा देने की आवश्यकता नहीं होगी और वे सामान्य प्रक्रिया के अनुसार अपनी सेवा समाप्त कर सकते हैं।

Supreme Court TET Verdict 2025: 5 साल से अधिक सेवा शेष होने वाले शिक्षक

जिन शिक्षकों की नियुक्ति RTE (Right to Education) एक्ट लागू होने से पहले हुई थी और जिनके पास 5 साल से अधिक सेवा शेष है, उन्हें अगले दो साल के भीतर टीईटी पास करना अनिवार्य होगा। इस अवधि में टीईटी पास नहीं करने पर नौकरी को लेकर अनिश्चितता उत्पन्न हो सकती है।

Supreme Court TET Verdict 2025: टीईटी में असफल होने पर क्या होगा

सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार, जिन शिक्षकों के लिए टीईटी अनिवार्य है और वे दो साल के भीतर पास नहीं करते हैं, उन्हें सेवा से इस्तीफा देना पड़ सकता है या उन्हें अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त किया जा सकता है। हालांकि, ऐसे मामलों में शिक्षकों को उनके सभी अंतिम लाभ जैसे ग्रेच्युटी और पेंशन प्राप्त होंगे, बशर्ते वे आवश्यक न्यूनतम सेवा अवधि पूरी कर चुके हों। यदि सेवा अवधि पूरी नहीं है, तो संबंधित विभाग से विचार करने के लिए प्रतिनिधित्व किया जा सकता है।

Supreme Court TET Verdict 2025: मामले की उत्पत्ति और पश्चिम बंगाल पर असर

यह मामला महाराष्ट्र के “अंजुमन-आई-इस्लाम बनाम महाराष्ट्र राज्य” से उत्पन्न हुआ था। इसलिए यह फैसला फिलहाल मुख्य रूप से महाराष्ट्र पर लागू होता है। पश्चिम बंगाल के शिक्षकों को इस फैसले को लेकर तुरंत चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। अगर यह नियम पश्चिम बंगाल में लागू किया जाना है, तो राज्य सरकार को पहले संबंधित नियम और अधिसूचनाएं जारी करनी होंगी।