विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की ओर से गैर तकनीकी पाठ्यक्रम की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों के लिए जीवन कौशल पाठ्यक्रम तैयार किया गया है। इसके तहत अब विद्यार्थी सत्य, अहिंसा, प्रेम, शांति, त्याग और सेवा का पाठ भी पढ़ेंगे। यह पाठ्यक्रम यूजीसी की वेबसाइट पर उपलब्ध है। यूजीसी की ओर से देश के सभी विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में स्नातक स्तर पर इसे शुरू करने के लिए कहा गया है।

उच्चतर शिक्षा में गुणवत्ता को पूरा करने के लिए यूजीसी की ओर से शुरू किए गए गुणवत्ता अधिदेश पहल में से एक विद्यार्थियों को जीवन कौशल की सीख देना है। यूजीसी के मुताबिक इस समय देश में कौशल, ज्ञान, मूल्यों और आचार नीति में निपुण रोजगार योग्य स्नातकों की बहुत जरूरत है। गैर तकनीकी स्नातक शिक्षा में जीवन कौशल पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए यूजीसी ने एक समिति की सहायता से पाठ्यक्रम तैयार किया है।

यूजीसी की वेबसाइट पर उपलब्ध पाठ्यक्रम को चार कोर्स में बांटा गया है और हर कोर्स दो-दो क्रेडिट का होगा। इसमें संवाद कौशल, पेशेवर कौशल (करिअर कौशल और टीम कौशल), नेतृत्व एवं प्रबंधन कौशल और सार्वभौम मानव मूल्य शामिल हैं। सार्वभौम मानव मूल्यों के तहत विद्यार्थियों को प्रेम एवं करुणा, सत्य, अहिंसा, नेकी, शांति, सेवा और त्याग के बारे में पढ़ाया जाएगा। संवाद कौशल के तहत विद्यार्थियों को सुनना, बोलना, लिखना, विभिन्न कलाओं में लिखना, डिजिटल साक्षरता, सोशल मीडिया का प्रभावपूर्ण उपयोग और गैर मौखिक संवाद के तरीकों को बताया जाएगा। जीवन कौशल के इस पाठ्यक्रम के अंतर्गत विद्यार्थियों को पेशेवर कौशल भी सिखाए जाएंगे।

इसके तहत रिज्यूमे बनाना, साक्षात्कार, समूह चर्चा और नौकरी के अवसरों को खोजने के तरीके बताए जाएंगे। इसके साथ ही प्रस्तुतिकरण कौशल, विश्वास एवं सहयोग, टीम के सदस्यों को सुनने का कौशल, सामाजिक एवं सांस्कृतिक शिष्टाचार और आतंरिक संचार भी विद्यार्थियों को सिखाया जाएगा। नेतृत्व एवं प्रबंधन कौशल के तहत इन दोनों कौशल के अलावा उद्यमिता कौशल, नई सोच आदि के बारे में भी विद्यार्थियों को पढ़ाया जाएगा।