भारत का राष्ट्रीय पर्वों में से एक है गणतंत्र दिवस जो प्रतिवर्ष 26 जनवरी को मनाया जाता है, जिसकी रौनक कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक दिखाई पड़ती है। रिपब्लिक डे पर प्रत्येक स्कूल और कॉलेज और तमाम शिक्षण संस्थानों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों, प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है, जिसमें छात्र-छात्राएं बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं और अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करते हैं।
गणतंत्र दिवस 2025 के उपलक्ष्य में होने स्कूल-कॉलेज में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में अगर आप भी भाग लेकर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करना चाहते हैं लेकिन अभी कुछ करने का विचार नहीं बनाया है, तो यहां जान लीजिए उन छोटी स्पीच, भाषण, कविताओं की जानकारी, जिन्हें स्कूल के मंच से पढ़कर आप वहां मौजूद तमाम छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों की तालियां और प्रशंसा हासिल कर सकते हैं।
संबोधन की शुरुआत इस तरह की जा सकती है।
गणतंत्र दिवस के अवसर पर मैं सबसे पहले मंच पर उपस्थित सभी आदरणीय प्रधानाचार्य, उप प्रधानाचार्य व अतिथिगण को नमस्कार करता/करती हूं। आप सभी को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। आपने मुझे मंच संचालित करने का मौका दिया इसके लिए आप सभी का आभार।
गणतंत्र दिवस के मौके पर राष्ट्रपति भवन से लेकर इंडिया गेट तक कर्तव्य पथ पर एक भव्य परेड का आयोजन होता है जिसमें देश की सांस्कृतिक विरासत का प्रदर्शन होता है। इसके अलावा इस परेड में अलग-अलग राज्यों की झांकियों के माध्यम से वहां की परंपरा और संस्कृति को दिखाया जाता है। साथ ही इस परेड में भारत की सैन्य क्षमता का प्रदर्शन होता है। इसके अलावा देशभर में ऐसे ही कार्यक्रम इस दिन आयोजित होते हैं।
इस कार्यक्रम में देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के अलावा विदेशों से आए हमारे मुख्य अतिथि भी सम्मिलित होते हैं। साथ ही देश में तमाम राजनीतिक पार्टियों के नेताओं को इस समारोह में आने का निमंत्रण दिया जाता है।
“आज हमारा देश महान है,
गणतंत्र दिवस का जश्न मनाएं।
स्वतंत्रता की लड़ाई में,
हमारे नेताओं ने बलिदान दिया है।
महात्मा गांधी, नेहरू और बोस,
इनके सपनों को हमें पूरा करना है।
हमारा देश एक विविध और समृद्ध देश है,
जहां विभिन्न धर्मों, जातियों और संस्कृतियों के लोग रहते हैं।
आइए हम सब मिलकर,
अपने देश को एक बेहतर भविष्य की ओर ले जाएं।
गणतंत्र दिवस का जश्न मनाएं,
और अपने देश के लिए काम करें।
जय हिंद! जय भारत!
हमारा देश महान है!”
महात्मा गांधी पर कविता से छात्रों को दें नया संदेश
राष्ट्रपिता जो कहे जाते हैं,
प्यार से बापू उन्हें बुलाते हैं।
जिन्होंने देश को आजाद कराया।
सत्य अहिंसा का पाठ पढ़ाया।
महात्मा गांधी वो कहलाते हैं।
उन्होंने विलास को छोड़कर,
अपना जीवन देश की आज़ादी में लगाया।
विदेशी कपड़ों को त्याग कर उसने ।
देशी का महत्व समझाया।
कई आंदोलन और सत्याग्रह किये।
अंग्रेजों से लड़ने के लिए,
लोगों को अपने साथ किये,
देश को आज़ाद कराने के लिए।
सत्य अहिंसा के मार्ग पर चलकर।
अंग्रेजों से लड़ी लड़ाई।
अपना तन मन धन सब कुछ सौंप दिया
अपने आपको पूरा झोंक दिया।
अंत तक लड़ी लड़ाई देश को आजादी दिलायी¹।
वह खून कहो किस मतलब का
जिसमें उबाल का नाम नहीं।
वह खून कहो किस मतलब का
आ सके देश के काम नहीं।
वह खून कहो किस मतलब का
जिसमें जीवन, न रवानी है!
जो परवश होकर बहता है,
वह खून नहीं, पानी है!
उस दिन लोगों ने सही-सही
खून की कीमत पहचानी थी।
जिस दिन सुभाष ने बर्मा में
मांगी उनसे कुर्बानी थी।
“आज हमारा देश महान है,
गणतंत्र दिवस का जश्न मनाएं।
स्वतंत्रता की लड़ाई में,
हमारे नेताओं ने बलिदान दिया है।
महात्मा गांधी, नेहरू और बोस,
इनके सपनों को हमें पूरा करना है।
हमारा देश एक विविध और समृद्ध देश है,
जहां विभिन्न धर्मों, जातियों और संस्कृतियों के लोग रहते हैं।
आइए हम सब मिलकर,
अपने देश को एक बेहतर भविष्य की ओर ले जाएं।
गणतंत्र दिवस का जश्न मनाएं,
और अपने देश के लिए काम करें।
जय हिंद! जय भारत!
हमारा देश महान है!”
आदरणीय शिक्षकगण, मेरे प्रिय साथियों, और सम्मानित अतिथियों, आज मैं यहां एक ऐसी महान वीरांगना के बारे में बात करने के लिए खड़ा हूं, जिनका नाम भारतीय इतिहास में सदैव सम्मान और श्रद्धा के साथ लिया जाएगा। वह वीरांगना हैं—रानी लक्ष्मीबाई।
रानी लक्ष्मीबाई का जन्म उत्तर प्रदेश के वाराणसी में 19 नवंबर 1835 को हुआ था। उनका बचपन मणिकर्णिका के नाम से जाना जाता था, लेकिन बाद में उन्होंने ‘लक्ष्मी बाई’ नाम अपनाया। रानी लक्ष्मीबाई ने अपने जीवन में कई चुनौतियों का सामना किया, लेकिन उन्होंने चुनौतियों से कभी हार नहीं मानी।
1857 का स्वतंत्रता संग्राम रानी लक्ष्मीबाई के जीवन का सबसे महत्वपूर्ण मोड़ था। उन्होंने न केवल अपने राज्य झांसी की रक्षा की, बल्कि उन्होंने देश की आत्मनिर्भरता और स्वाभिमान की खातिर संघर्ष किया। रानी लक्ष्मीबाई का साहस, उनका नेतृत्व और राष्ट्रप्रेम हमें यह सिखाता है कि संघर्ष केवल बाहरी युद्ध में नहीं, बल्कि हमारे भीतर के डर और संकोच से भी होता है।
रानी लक्ष्मीबाई का जीवन हमें यह सिखाता है कि अगर मन में साहस और संघर्ष की भावना हो, तो कोई भी बाधा नहीं रोक सकती। उनका संघर्ष केवल युद्ध की सीमा तक नहीं था, बल्कि यह समाज में व्याप्त अन्याय, असमानता और गुलामी के खिलाफ था। उनकी लड़ाई का मतलब था—समानता, स्वतंत्रता और न्याय।
आइए, हम रानी लक्ष्मीबाई के साहस और नेतृत्व को सलाम करते हुए अपने जीवन में भी उनके आदर्शों को अपनाएं। हमें उनके जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए और अपने देश की सेवा में उत्कृष्टता और प्रेरणा का स्रोत बनना चाहिए।
भगत सिंह एक महान क्रांतिकारी और स्वतंत्रता सेनानी थे। उनका जन्म 28 सितंबर 1907 को पंजाब के ज़िला लायलपुर में हुआ था। भगत सिंह ने अपनी जवानी में ही देश की आज़ादी के लिए संघर्ष शुरू कर दिया था।
उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ कई आंदोलनों में भाग लिया और अपने साथियों के साथ मिलकर उन्होंने अंग्रेजों को कई चुनौतियाँ दीं। भगत सिंह की सबसे प्रसिद्ध गतिविधि थी असेंबली में बम फेंकना, जिसने अंग्रेजों को हिला कर रख दिया था।
भगत सिंह को उनके साथियों राजगुरु और सुखदेव के साथ 23 मार्च 1931 को फाँसी दे दी गई थी। लेकिन उनकी शहादत व्यर्थ नहीं गई। भगत सिंह की शहादत ने देश के युवाओं को प्रेरित किया और उन्हें देश की आज़ादी के लिए संघर्ष करने के लिए प्रेरित किया।
आज भगत सिंह की शहादत को याद करते हुए हमें उनके आदर्शों और मूल्यों को याद रखना चाहिए। हमें उनकी शहादत से प्रेरणा लेनी चाहिए और देश की एकता और अखंडता के लिए काम करना चाहिए।
“आज हमारा देश महान है,
गणतंत्र दिवस का जश्न मनाएं।
स्वतंत्रता की लड़ाई में,
हमारे नेताओं ने बलिदान दिया है।
महात्मा गांधी, नेहरू और बोस,
इनके सपनों को हमें पूरा करना है।
हमारा देश एक विविध और समृद्ध देश है,
जहां विभिन्न धर्मों, जातियों और संस्कृतियों के लोग रहते हैं।
आइए हम सब मिलकर,
अपने देश को एक बेहतर भविष्य की ओर ले जाएं।
गणतंत्र दिवस का जश्न मनाएं,
और अपने देश के लिए काम करें।
जय हिंद! जय भारत!
हमारा देश महान है!”
आदरणीय शिक्षकगण, मेरे प्रिय मित्रों, और स्कूल के सभी छात्रों, आज मैं आप सभी के सामने आजादी के महत्व पर बात करने के लिए खड़ा हूं।
आजादी का अर्थ है स्वतंत्रता, जो हमें अपने जीवन को अपनी मर्जी से जीने की अनुमति देती है। यह हमें अपने विचारों को व्यक्त करने, अपने सपनों को पूरा करने, और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने की स्वतंत्रता देती है।
लेकिन आजादी की कीमत बहुत अधिक है। हमारे देश के स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने प्राणों की आहुति देकर हमें यह आजादी दिलाई है। महात्मा गांधी, भगत सिंह, सुभाष चंद्र बोस, और कई अन्य सेनानियों ने अपने जीवन को देश की आजादी के लिए समर्पित कर दिया था।
आजादी का महत्व हमें अपने देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए प्रेरित करता है। यह हमें अपने देश की संस्कृति, परंपराओं, और मूल्यों को संरक्षित करने के लिए प्रेरित करता है।
आजादी का महत्व हमें अपने अधिकारों और कर्तव्यों को समझने के लिए प्रेरित करता है। यह हमें अपने देश के नागरिक के रूप में अपने कर्तव्यों को निभाने के लिए प्रेरित करता है।
आजादी का महत्व हमें अपने देश के विकास और समृद्धि के लिए काम करने के लिए प्रेरित करता है। यह हमें अपने देश की आर्थिक, सामाजिक, और राजनीतिक व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए प्रेरित करता है।
आजादी का महत्व हमें अपने देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए प्रेरित करता है। यह हमें अपने देश की संस्कृति, परंपराओं, और मूल्यों को संरक्षित करने के लिए प्रेरित करता है।
आइए, हम आजादी के महत्व को समझते हुए अपने देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए काम करें। आइए, हम अपने देश की संस्कृति, परंपराओं, और मूल्यों को संरक्षित करने के लिए काम करें। आइए, हम अपने देश के विकास और समृद्धि के लिए काम करें।
धन्यवाद।
“आज हमारा देश महान है,
गणतंत्र दिवस का जश्न मनाएं।
स्वतंत्रता की लड़ाई में,
हमारे नेताओं ने बलिदान दिया है।
महात्मा गांधी, नेहरू और बोस,
इनके सपनों को हमें पूरा करना है।
हमारा देश एक विविध और समृद्ध देश है,
जहां विभिन्न धर्मों, जातियों और संस्कृतियों के लोग रहते हैं।
आइए हम सब मिलकर,
अपने देश को एक बेहतर भविष्य की ओर ले जाएं।
गणतंत्र दिवस का जश्न मनाएं,
और अपने देश के लिए काम करें।
जय हिंद! जय भारत!
हमारा देश महान है!”
“मेरा देश मेरी जान है,
मेरा देश मेरी शान है।
मैं अपने देश से प्यार करता हूं,
और उसके लिए काम करना चाहता हूं।
मेरा देश एक महान देश है,
जहां विविधता में एकता है।
मेरा देश एक विविध और समृद्ध देश है,
जहां विभिन्न धर्मों, जातियों और संस्कृतियों के लोग रहते हैं।
मैं अपने देश की रक्षा करना चाहता हूं,
और उसकी एकता और अखंडता को बनाए रखना चाहता हूं।
मैं अपने देश के लिए काम करना चाहता हूं,
और उसके विकास में योगदान देना चाहता हूं।
जय हिंद! जय भारत!
मेरा देश महान है!”
सिंहासन हिल उठे राजवंशों ने भृकुटी तानी थी,बूढ़े भारत में आई फिर से नयी जवानी थी,गुमी हुई आज़ादी की कीमत सबने पहचानी थी,दूर फिरंगी को करने की सबने मन में ठानी थी।
चमक उठी सन सत्तावन में, वह तलवार पुरानी थी,बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी।।
कानपूर के नाना की, मुँहबोली बहन छबीली थी,लक्ष्मीबाई नाम, पिता की वह संतान अकेली थी,नाना के सँग पढ़ती थी वह, नाना के सँग खेली थी,बरछी ढाल, कृपाण, कटारी उसकी यही सहेली थी।
वीर शिवाजी की गाथायें उसकी याद ज़बानी थी,बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,खूब लड़ी मर्दानी वह तो झांसी वाली रानी थी।।
(इस कविता को प्रसिद्ध कवयित्री और लेखिका सुभद्रा कुमारी चौहान ने लिखा था)
"मेरा देश मेरी जान है,
मेरा देश मेरी शान है।
मैं अपने देश से प्यार करता हूं,
और उसके लिए काम करना चाहता हूं।
मेरा देश एक महान देश है,
जहां विविधता में एकता है।
मेरा देश एक विविध और समृद्ध देश है,
जहां विभिन्न धर्मों, जातियों और संस्कृतियों के लोग रहते हैं।
मैं अपने देश की रक्षा करना चाहता हूं,
और उसकी एकता और अखंडता को बनाए रखना चाहता हूं।
मैं अपने देश के लिए काम करना चाहता हूं,
और उसके विकास में योगदान देना चाहता हूं।
जय हिंद! जय भारत!
मेरा देश महान है!"
वह खून कहो किस मतलब का
जिसमें उबाल का नाम नहीं।
वह खून कहो किस मतलब का
आ सके देश के काम नहीं।
वह खून कहो किस मतलब का
जिसमें जीवन, न रवानी है!
जो परवश होकर बहता है,
वह खून नहीं, पानी है!
उस दिन लोगों ने सही-सही
खून की कीमत पहचानी थी।
जिस दिन सुभाष ने बर्मा में
मांगी उनसे कुर्बानी थी।
“आदरणीय शिक्षकगण, माता-पिता और मेरे प्यारे मित्रों,
आज हम सब गणतंत्र दिवस के अवसर पर एकत्रित हुए हैं। यह दिन हमारे देश के इतिहास में एक महत्वपूर्ण दिन है, जब हमारा देश 1950 में एक गणराज्य बना था।
गणतंत्र दिवस का महत्व हमारे देश के संविधान में निहित है। हमारा संविधान हमें समानता, न्याय और स्वतंत्रता का अधिकार देता है। यह हमें एक मजबूत और न्यायपूर्ण देश बनाने में मदद करता है।
गणतंत्र दिवस हमें हमारे देश के निर्माताओं की याद दिलाता है, जिन्होंने हमें एक स्वतंत्र और समृद्ध देश दिया है। यह हमें उनके बलिदानों को याद करने और उनके सपनों को पूरा करने के लिए प्रेरित करता है।
आइए हम सब मिलकर अपने देश को एक बेहतर भविष्य की ओर ले जाएं और हमारे संविधान के माध्यम से समानता, न्याय और स्वतंत्रता का अधिकार प्राप्त करें।
जय हिंद! जय भारत!”
“आदरणीय शिक्षकगण, माता-पिता और मेरे प्यारे मित्रों,
आज हम सब गणतंत्र दिवस के अवसर पर एकत्रित हुए हैं। यह दिन हमारे देश के इतिहास में एक महत्वपूर्ण दिन है, जब हमारा देश 1950 में एक गणराज्य बना था। हमारा देश भारत एक महान देश है, जो विविधता में एकता का प्रतीक है। हमारे देश में विभिन्न धर्मों, जातियों और संस्कृतियों के लोग रहते हैं, लेकिन हम सभी एक ही देश के नागरिक हैं।
हमारे देश के निर्माताओं ने हमें एक मजबूत और न्यायपूर्ण संविधान दिया है, जो हमें समानता, न्याय और स्वतंत्रता का अधिकार देता है। आइए हम सब मिलकर अपने देश को एक बेहतर भविष्य की ओर ले जाएं और हमारे संविधान के माध्यम से समानता, न्याय और स्वतंत्रता का अधिकार प्राप्त करें।
हमारे देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए हमें अपने देश के प्रति वफादार रहना होगा। हमें अपने देश की सेवा करनी होगी और उसकी रक्षा करनी होगी। आइए हम सब मिलकर अपने देश के लिए काम करें और उसे एक महान देश बनाएं। जय हिंद! जय भारत!”
राष्ट्रपिता जो कहे जाते हैं,
प्यार से बापू उन्हें बुलाते हैं।
जिन्होंने देश को आजाद कराया।
सत्य अहिंसा का पाठ पढ़ाया।
महात्मा गांधी वो कहलाते हैं।
उन्होंने विलास को छोड़कर,
अपना जीवन देश की आज़ादी में लगाया।
विदेशी कपड़ों को त्याग कर उसने ।
देशी का महत्व समझाया।
कई आंदोलन और सत्याग्रह किये।
अंग्रेजों से लड़ने के लिए,
लोगों को अपने साथ किये,
देश को आज़ाद कराने के लिए।
सत्य अहिंसा के मार्ग पर चलकर।
अंग्रेजों से लड़ी लड़ाई।
अपना तन मन धन सब कुछ सौंप दिया
अपने आपको पूरा झोंक दिया।
अंत तक लड़ी लड़ाई देश को आजादी दिलायी¹।
“आदरणीय शिक्षकगण, माता-पिता और मेरे प्यारे मित्रों,
आज मैं आप सभी के सामने एकता में अनेकता के महत्व पर बात करना चाहता हूं। हमारा देश भारत एक विविध और समृद्ध देश है, जहां विभिन्न धर्मों, जातियों, संस्कृतियों और भाषाओं के लोग रहते हैं। हमारे देश में अनेकता है, लेकिन हम सभी एक ही देश के नागरिक हैं। हमारी अनेकता हमारी ताकत है, और हमें इसे बनाए रखना होगा।
एकता में अनेकता का अर्थ है कि हम अपनी विविधता को स्वीकार करते हुए एक दूसरे के साथ मिलकर काम करते हैं। यह हमें एक मजबूत और समृद्ध देश बनाने में मदद करता है। आइए हम सब मिलकर अपने देश को एक बेहतर भविष्य की ओर ले जाएं और एकता में अनेकता के महत्व को बनाए रखें। हमें अपनी विविधता को स्वीकार करना होगा और एक दूसरे के साथ मिलकर काम करना होगा। जय हिंद! जय भारत!”
आज हम सब गणतंत्र दिवस के अवसर पर एकत्रित हुए हैं। यह दिन हमारे देश के इतिहास में एक महत्वपूर्ण दिन है, जब हमारा देश 1950 में एक गणराज्य बना था। हमारा देश भारत एक महान देश है, जो विविधता में एकता का प्रतीक है। हमारे देश में विभिन्न धर्मों, जातियों और संस्कृतियों के लोग रहते हैं, लेकिन हम सभी एक ही देश के नागरिक हैं।
हमारे देश के निर्माताओं ने हमें एक मजबूत और न्यायपूर्ण संविधान दिया है, जो हमें समानता, न्याय और स्वतंत्रता का अधिकार देता है। आइए हम सब मिलकर अपने देश को एक बेहतर भविष्य की ओर ले जाएं और हमारे संविधान के माध्यम से समानता, न्याय और स्वतंत्रता का अधिकार प्राप्त करें।
हमारे देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए हमें अपने देश के प्रति वफादार रहना होगा। हमें अपने देश की सेवा करनी होगी और उसकी रक्षा करनी होगी। आइए हम सब मिलकर अपने देश के लिए काम करें और उसे एक महान देश बनाएं। जय हिंद! जय भारत!”
“आदरणीय शिक्षकगण, माता-पिता और मेरे प्यारे मित्रों, आज हम सब गणतंत्र दिवस के अवसर पर एकत्रित हुए हैं। यह दिन हमारे देश के इतिहास में एक महत्वपूर्ण दिन है, जब हमारा देश 1950 में एक गणराज्य बना था। हमारे देश के निर्माताओं ने हमें एक सुंदर और समृद्ध देश दिया है। उन्होंने हमारे लिए एक मजबूत संविधान बनाया है, जो हमें समानता, न्याय और स्वतंत्रता का अधिकार देता है।
आइए हम सब मिलकर अपने देश को और भी समृद्ध और शक्तिशाली बनाने के लिए प्रयास करें। आइए हम अपने देश के निर्माताओं के सपनों को पूरा करने के लिए काम करें और अपने देश को एक बेहतर भविष्य की ओर ले जाएं। धन्यवाद!”