हमारे देश में कई ऐसे कोर्स या परीक्षाएं होती हैं जिनमें पास होना हर किसी के बस की बात नहीं है। इन परीक्षाओं के लिए लोग एक-दो साल नहीं बल्कि कई साल नमेहनत करते हैं, लेकिन फिर भी पास नहीं हो पाते हैं। आइए जानते हैं वो कौनसी परीक्षाएं हैं जिन्हें हर कोई आसानी से पास नहीं कर सकता।
सिविल सेवा परीक्षा- यूपीएससी हर साल सिविल सर्विसेज एग्जाम का आयोजन करती है, जो कि तीन चरणों में आयोजित की जाती है। इन तीन चरणों में शामिल है प्रारंभिक, मुख्य और साक्षात्कार। इस परीक्षा में देशभर से लाखों लोग लोग भाग लेते हैं। इस परीक्षा के पास होने वाले उम्मीदवार भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) जैसे अधिकारी बनते हैं। इसमें लाखों बच्चों में से करीब 8-10 हजार बच्चे ही पास हो पाते हैं। इस परीक्षा में सफल होने का रेट 0.1 से 0.3 फीसदी है।
कैट- इस परीक्षा के जरिए भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) में प्रवेश लिया जाता है और एमबीए करने की चाह रखने वाले हर विद्यार्थी इसमें भाग लेता है। इस परीक्षा में लगातार परीक्षार्थियों की संख्या बढ़ती जा रही है और इसकी कट-ऑफ भी अन्य परीक्षाओं के मुकाबले बहुत ज्यादा जाती है। इस परीक्षा में कट-ऑफ 97 प्रतिशत से भी अधिक जाती है जिसकी वजह से प्रतियोगिता कठिन हो जाती है।
आईआईटी-जेईई- इंजीनीयर बनने की इच्छा रखने वाला हर विद्यार्थी आईआईटी में एडमिशन चाहता है और उसके लिए इस परीक्षा में बैठता है। लेकिन सीट कम होने की वजह से कुछ ही लोग इसमें पास हो पाते हैं। जेईई (मेन) में प्रदर्शन के आधार पर जेईई एडवांस परीक्षा देने का मौका मिलता है। जेईई एडवांस परीक्षा के जरिए ही देश के प्रतिष्ठित संस्थान आईआईटी के इंजीनियरिंग कोर्सेज में दाखिला लिया जा सकता है। यह परीक्षा दुनिया की कठिन परीक्षाओं में से एक है। माना जाता है कि इस परीक्षा में 45 बच्चों में से एक बच्चा पास होता है।
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एम्स- देश के बड़े अस्पतालों में से एक अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) से एमबीबीएस करना हर विद्यार्थी का लक्ष्य होता है। इस परीक्षा में भी काफी लोग भाग लेते हैं, लेकिन कठिन पेपर और जांच की वजह से बहुत कम लोग ही इसमें पास हो पाते हैं।
सीए परीक्षा- यह परीक्षा इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) की ओर से आयोजित की जाती है। चार्टर्ड अकाउंटेंसी का कोर्स तीन स्तर पर बंटा हुआ है। इसमें पहला सीपीटी, दूसरी आईपीसीसी और तीसरा सीए-फाइनल होता है। इसमें सब्जेक्ट बढ़ते जाते हैं। सीए का अंतिम रिजल्ट 3 से 7 फीसदी ही रहता है। इसका पाठ्यक्रम दुनिया के कठिन पाठ्यक्रम में से एक है।
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