राज्य के एक वरिष्ठ मंत्री ने कहा कि मेघालय सरकार सरकारी स्कूलों को बंद करने या 10 से कम स्टूडेंट्स वाले स्कूलों से फंड वापस लेकर उसे दूसरे एजुकेशनल इंस्टिट्यूट्स में लगाने की प्लानिंग कर रही है। राज्य के शिक्षा मंत्री लक्ष्मण रिंबुई ने पीटीआई को बताया कि राज्य के 221 लॉअर और अपर प्राइमरी स्कूल ऐसे हैं जहां 10 से भी कम स्टूडेट्स हैं। उन्होंने कहा, “शिक्षा विभाग जल्द ही राज्य मंत्रिमंडल के सामने एक प्रस्ताव रखेगा, ताकि इन स्कूलों को अनुदान सहायता बंद की जाए या वापस ली जा सके।” मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार इन स्कूलों पर सालाना 20 करोड़ रुपये खर्च करती है, जिसका इस्तेमाल अन्य शैक्षणिक संस्थानों के विकास के लिए किया जा सकता है।
हालांकि, उन्होंने कहा कि स्कूलों को बंद करने या उनसे सहायता वापस लेने के संबंध में निर्णय शिक्षा के अधिकार (आरटीई) अधिनियम के दिशानिर्देशों के अनुसार लिया जाएगा और कोई भी स्टूडेंट वंचित नहीं रहेगा। जिन स्कूलों के पास कोई शैक्षणिक संस्थान नहीं है, वे 5 या 10 छात्रों के रहते हुए भी चलते रहेंगे। कोई भी छात्र शिक्षा से वंचित नहीं रहेगा।
रिंबुई ने कहा कि जिन स्कूलों को बंद किया जाएगा, उनके शिक्षकों को शिक्षकों की कमी वाले अन्य शिक्षण संस्थानों में फिर से नियुक्त किया जाएगा। छात्रों के कम नामांकन के कारणों में से एक क्षेत्र में ज्यादा स्कूलों का होना है।