Lal Bahadur Shastri Jayanti Speech, Bhashan in Hindi 2024: आजाद भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की का जन्मदिन 2 अक्टूबर है और इस दिन को देश में लाल बहादुर शास्त्री जयंती के रूप में मनाया जाता है। इस दिन स्कूलों, कॉलेजों और अन्य संस्थानों में उनको याद करते हुए उनके जीवन, शिक्षाओं और उनके योगदान को याद किया जाता है और छात्रों को उनके सादगी भरे जीवन से प्रेरणा लेने के लिए प्रेरित किया जाता है।

लाल बहादुर शास्त्री जयंती के दिन स्कूलों में आयोजित होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों में बच्चे उनकी वेशभूषा, जीवनी, शिक्षाओं का मंच से प्रदर्शन करते हुए उनको श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।
लाल बहादुर शास्त्री भारत के वो महान नेता थे जिनके जीवन को सादगी की मिसाल के रूप में याद किया जाता है। शास्त्री जी ने ही “जय जवान, जय किसान” का नारा दिया था, जो आज देश के बच्चे-बच्चे की जुबां पर है।

लाल बहादुर शास्त्री की जयंती पर स्कूल में होने वाले कार्यक्रमों में अगर आप भी भाग लेने का विचार कर रहे हैं, तो यहां जान लीजिए लाल बहादुर शास्त्री पर स्पीच, निबंध, भाषण और कविताओं के बारे में, जो जिन्हें अपनाकर आप मंच से अपना रंग जमा सकते हैं और वहां मौजूद लोगों की तालियों को लूट सकते हैं।

लाल बहादुर शास्त्री जयंती 2024 पर छोटा भाषण

आप सभी साथियों और शिक्षकों को मेरा प्रणाम।

आज मैं इस मंच से देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी की जयंती पर उनके बलिदान, योगदान और उनकी शिक्षाओं को आपके बीच रख रहा हूं। लाल बहादुर शास्त्री ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था और अपने इस योगदान के चलते वो आज हम लोगों के लिए प्रेरणास्रोत बन चुके हैं। शास्त्री जी ने बाल्यकाल से ही अपना जीवन भारत के आजादी संग्राम को समर्पित कर दिया था। 20 वर्ष की आयु तक आते आते लाल बहादुर शास्त्री स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल हो गए थे। शास्त्री जी का जन्म 2 अक्टूबर 1904 को हुआ था। शास्त्री जी ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ चली लड़ाई में अपने सत्य और अहिंसा के सिद्धांतों का पालन करते हुए एक अहम भूमिका अदा की थी।

बतौर प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का योगदान

लाल बहादुर शास्त्री जी 1964 से 1966 तक भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री रहे हैं जिन्होंने अपने कार्यकाल में कई क्रांतिकारी परिवर्तनकारी नीतियों को लागू किया मिसाल आज भी दी जाती है। शास्त्री जी ने किसानों का जीवन को बेहतर बनाने और देश में भोजन की कमी को दूर करने पर काम करते हुए उसका एक स्थाई समाधान निकाला था, जो काफी प्रसिद्ध हुआ था। शास्त्री जी ने देश में गंभीर खाद्य संकट से निपटने के लिए देश के नागरिकों से सप्ताह में एक दिन भोजन त्यागने की अपील की ताकि जरूरतमंदों तक भोजन पहुंचाया जा सके। शास्त्री जी की इस अपील ने उनकी प्रसिद्धी को और बढ़ा दिया था।

निबंध और स्पीच के जरिए बताएं शास्त्री जी की जीवनी

गुदड़ी के लाल के नाम से मशहूर देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 2 अक्टूबर 1904 को उत्तर प्रदेश के मुगलसराय में हुआ था। शास्त्री जी के पिता का नाम शारदा प्रसाद था जो एक स्कूल शिक्षक थे और उनकी माँ का नाम रामदुलारी देवी था। शास्त्री जी जब एक वर्ष के थे, तब उनके पिता का देहांत हो गया था। शास्त्री जी के पिता का निधन होने के बाद उनकी मां ने अपने पिता के घर जाकर शास्त्री जी और उनकी दो बहनों का पालन-पोषण किया था।

कविताओं के जरिए लोगों को बताएं शास्त्री जी की महानता

कविता 1. भारत-माँ के लाल बहादुर
कविता 2. लाल बहादुर शास्त्री रचयिता डॉ सुधीर आज़ाद
कविता 3. दिलों के विजेता- इस कविता के जरिए उनके बलिदान को याद करें।
कविता 4. व्यक्तित्व था उनका बड़ा महान- के जरिए शास्त्री जी के महान व्यक्तित्व को बताएं।
कविता 5. पहचान- इस कविता के जरिए शास्त्री जी के महान चरित्र को लोगों तक पहुंचाएं।
कविता 6. ऐसे थे हमारे शास्त्री जी- इस कविता के जरिए बताएं शास्त्री जी का महान चरित्र।
कविता 7. वतन का लाल- के जरिए लोगों को बताएं शास्त्री जी की बलिदान गाथा।