Lal Bahadur Shastri Ji Ka Jeevan Parichay: 2 अक्टूबर की तारीख को अधिकतर लोग राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की जयंती के लिए याद रखते हैं, लेकिन बहुत कम लोग ये जानते होंगे कि इसी दिन देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी की भी जयंती होती है। उनका जन्म 2 अक्टूबर 1904 को मुगलसराय में हुआ था।
भले ही गांधी जी और शास्त्री जी की जयंती एक दिन आती है, लेकिन महात्मा गांधी शास्त्री जी से पूरे 35 साल बड़े थे। लाल बहादुर शास्त्री ने 1964 से 1966 तक देश के दूसरे प्रधान मंत्री के रूप में कार्य किया। इससे पहले वे भारत के गृह मंत्री के रूप में काम कर चुके हैं। आइए 10 पॉइंट में हम उनके पूरे जीवन परिचय पर एक नजर डालते हैं।
लाल बहादुर शास्त्री जी का जीवन परिचय
- लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 2 अक्टूबर 1904 को मुगलसराय में हुआ था। बचपन में उनका नाम लाल बहादुर श्रीवास्तव था। उनके पिता शरद प्रसाद श्रीवास्तव एक शिक्षक थे। डेढ़ साल की उम्र में शास्त्री जी के पिता का निधन हो गया था। शास्त्री जी की माता जी का नाम रामदुलारी देवी था। पति के निधन के वक्त उनकी उम्र 20 साल थी।
- पिता के निधन के बाद शास्त्री जी काशी विद्या पीठ में शामिल हुए। यहां वे महान विद्वानों एवं देश के राष्ट्रवादियों के प्रभाव में आए। विद्या पीठ द्वारा उन्हें प्रदत्त स्नातक की डिग्री का नाम ‘शास्त्री’ था लेकिन लोगों के दिमाग में यह उनके नाम के एक भाग के रूप में बस गया।
- लाल बहादुर शास्त्री अपने शिक्षक निष्कामेश्वर प्रसाद मिश्र से प्रेरित होकर स्वतंत्रता संग्राम में शामिल हो गये। शास्त्री ने जनवरी 1921 में बनारस में गांधी और पंडित मदन मोहन मालवीय द्वारा आयोजित एक सार्वजनिक सभा में भाग लिया।
- जब वे 10वीं में थे तो मात्र 3 महीने पहले अपनी पढ़ाई बंद कर दी और स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल हो गये। गांधी की शिक्षाओं का पालन करते हुए, उन्होंने लाला लाजपत राय की सर्वेंट्स ऑफ द पीपल सोसाइटी के सदस्य के रूप में हरिजनों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए संघर्ष किया।
- 1927 में उनकी शादी ललिता देवी से हुई जो कि मिर्जापुर से थीं। दहेज के नाम पर उन्होंने एक चरखा एवं हाथ से बुने हुए कुछ मीटर कपड़े लिए। 1930 में महात्मा गांधी ने नमक कानून को तोड़ते हुए दांडी यात्रा की।
- आजादी के बाद 1946 में जब कांग्रेस सरकार का गठन हुआ तो उन्हें अपने गृह राज्य उत्तर प्रदेश का संसदीय सचिव नियुक्त किया गया और जल्द ही वे गृह मंत्री बन गए। 1951 में नई दिल्ली आ गए एवं केंद्रीय मंत्रिमंडल के कई विभागों का प्रभार संभाला जैसे रेल मंत्री, परिवहन एवं संचार मंत्री और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री।
इसी दौरान एक रेल दुर्घटना, जिसमें कई लोग मारे गए थे, के लिए स्वयं को जिम्मेदार मानते हुए उन्होंने रेल मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया। देश एवं संसद ने उनके इस अभूतपूर्व पहल को काफी सराहा।
सत्ता में रहते हुए ही 27 मई, 1964 को नेहरू का निधन हो गया। शास्त्री 9 जून को कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष के. कामराज के नेतृत्व में प्रधान मंत्री बने।
1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध को समाप्त होने के बाद ताशकंद में एक शांति समझौता हुआ। इसी के एक दिन बाद 11 जनवरी, 1966 को, लाल बहादुर शास्त्री का निधन हो गया।
- उन्हें राष्ट्रीय नायक के रूप में सम्मानित किया गया और उनके सम्मान में विजय घाट स्मारक बनाया गया। उन्हें मरणोपरांत भारत रत्न भी मिला।