Indian Institutes of Technology (IITs) ने JEE (Advanced) में बदलाव के लिए सुझाव देने वाली समिति की स्थापना करने के केंद्र सरकार के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। इस साल JEE (Advanced) के लिए क्वॉलिफाई करने वाले उम्मीदवारों की अपर्याप्त संख्या के मद्देनजर सरकार ने समिति बनाने का प्रस्ताव दिया था। IITs का मत है कि JEE (Advanced) के फॉर्मैट में किसी भी तरह का बदलाव करना ठीक नहीं होगा। IITs ने एक और प्रस्ताव को खारिज किया जिसमें JEE (Advanced) क्वॉलिफाई करने वाले स्टूडेंट्स को पहले साल में सिर्फ एक संस्थान आवंटित किए जाने, न कि पहले इंजीनियरिंग शाखा अलॉट करने की बात कही गई थी। IIT परिषद की बैठक के मुताबिक, सरकार ने पांच सदस्यी पैनल गठित करने का प्रस्ताव दिया जिसके चेयरमैन IIT-Madras होंगे। उम्मीदवारों की क्षमता का परीक्षण करने के लिए एक मजबूत और वैज्ञानिक रूप से डिजाइन किए गए प्रवेश परीक्षा प्रणाली का विकास करने के लिए यह पैनल गठित करने का प्रस्ताव सरकार ने दिया।

IIT-Kanpur के डायरेक्टर अभय करंदिकर; National Testing Agency के डायरेक्टर जनरल विनीत जोशी और IIT-Bombay के प्रोफेसर कनन मौद्गल्य को समिति सदस्यों बनाने की चर्चा रही। परिषद की बैठक के बाद शिक्षा मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, “IITs जल्द ही Peer-Assisted Learning (PAL) प्रोग्राम्स मजबूत करेंगे। इसके तहत परीक्षा की तैयारी कर रहे स्टूडेंट्स को IIT के स्टूडेंट्स और शिक्षकों के रिकॉर्ड लेक्चर्स के जरिए प्रवेश परीक्षा क्वॉलिफाई करने में मदद मिलेगी।” परिषद ने अपने एक फैसले में सभी IITs को अपने पोस्टग्रेजुएट प्रोग्राम्स के लिए विदेशी छात्रों की फीस तय करने की छूट दे दी है। जानकारी के लिए आपको बदा दें IIT-Delhi ने सरकार के समक्ष सालाना 6 लाख रुपये की फीस की समीक्षा करने का आग्रह किया था जो विदेशी छात्रों को आकर्षित करने के लिए बहुत अधिक थी। इसके अलावा IIT परिषद ने विदेशी संकाय रिक्रूट करने के लिए एक कॉमन फ्रंट तैयार करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी।