Krishna Janmashtami Par Nibandh, Janmashtami 2024 Essay In Hindi: भगवान श्री कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार इस बार 26 अगस्त को धूमधाम से मनाया जाएगा। कृष्ण जन्माष्टमी उत्सव के अवसर पर स्कूलों में तरह-तरह के कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। जिसमें नाटक, गीत, संगीत, निबंध, ड्रेस कंप्टीशन और स्पीच आदि शामिल हैं। अगर आप स्कूली छात्र हैं और इस तरह के कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं तो इस आर्टिकल में हम आपके लिए शॉर्ट स्पीच और निबंध आइडिया लेकर आए हैं। जिन्हें बोलकर या लिखकर आप स्कूल में छा जाएंगे। इन्हें याद करना भी बेहद आसान है।
स्कूलों में भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षा, मित्रता, जीवन दर्शन और सांस्कृतिक कार्यक्रम के जरिए बच्चों को अच्छी बातें सिखाई जाती हैं। असल में इस त्योहार को लेकर बच्चों में खास उत्सुकता रहती है। झांकी निकाली जाती है, छोटे बच्चों को श्री कृष्ण के रूप में तैयार किया जाता है। कई छोटी लड़कियां राधा-रानी बनती हैं। इस दिन आस-पास के लोग कॉलोनी में मिलकर त्योहार मनाते हैं। मंदिरों में लोग एकत्र होते हैं।
जन्माष्टमी इस बार 26 अगस्त को मनाई जा रही है। वहीं 27 को दहीहांडी का भी आयोजन किया जाएगा। कई राज्यों में इस त्योहार को बहुत धूम-धाम से मनाया जाता है। एमपी, यूपी, बिहार, गुजरात आदि राज्यों में इस त्योहार पर खास आयोजन किया जाता है। हालांकि कई राज्यों में जन्माष्टमी की छुट्टी नहीं है। कई राज्यों में स्कूल बंद हैं तो कहीं खुले हैं।
श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर निबंध:
कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार भारत में धूम धाम से मनाया जाता है। यह हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो हिंदू माह श्रावण के कृष्ण पक्ष के 8वें दिन मनाया जाता है। यह दिन भगवान कृष्ण के जन्म का प्रतीक है। लोग इसे खुशी से मनाते हैं। रात के समय कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब, गुजरात और अन्य राज्यों में इस उत्सव को बड़े धूम-धाम से मनाया जाता है। इस दिन भगवान् विष्णु के भगवान कृष्ण अवतार की विशेष पूजा की जाती है। माना जाता है कि उनका जन्म भारत के मथुरा में भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को आधी रात में हुआ था।
श्री कृष्ण जन्माष्टमी एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, जो भगवान श्री कृष्ण के जन्म की खुशी में मनाया जाता है। भगवान कृष्ण ने हमें प्रेम, करुणा, और न्याय के मार्ग पर चलने का उपदेश दिया। श्री कृष्ण के जन्म की कहानी अद्भुत है, जो हमें उनकी शक्ति का एहसास कराती है। भगवान कृष्ण ने अपने जीवन में कई चुनौतियों का सामना किया और हमें सिखाया कि कैसे साहस और स्थिरता से जीवन की कठिनाइयों का सामना करना चाहिए। श्री कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर हमें भगवान कृष्ण के उपदेशों को याद करना चाहिए और उनके जीवन को अपने जीवन में उतारने का प्रयास करना चाहिए।
लोग इस दिन व्रत करते हैं, घरों और मंदिरों को सजाते हैं। भजन गाते हैं। भगवान श्री कृष्ण जन्माष्टमी के त्योहार को गोकुलाष्टमी के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि कृष्ण का जन्म मथुरा के पास एक गांव गोकुल में हुआ था। भारत के कुछ हिस्सों में बुराई के विनाश के प्रतीक के रूप में दही हांड़ी का भी आयोजन किया जाता है।