दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक अलीबाबा ग्रुप के को-फाउंडर ‘ज़ैक मॉ’ आज दुनिया के सबसे सफल इंसानों की फेहरिस्त में शामिल हैं। चीन में जन्में जैक इस समय 54 वर्ष के हैं और अपने अनुभव युवाओं के बीच बांटकर वे आगे आने वाली पीढ़ी को प्रेरित करने में यकीन रखते हैं। उनका मानना है कि हर गलती जो हम करते हैं, वो हमारे लिए एक नया मौका होती है। गल्तियां करने से कतराएं या उनसे घबराएं नहीं, बल्कि बार-बार गिरकर उठें।
जैक का मानना है कि अपने करियर की शुरूआत में आपको ज्यादा से ज्यादा गल्तियां करनी चाहिए। 20 साल से कम की उम्र में आपको केवल एक अच्छा स्टूडेंट बनना चाहिए। ये समय कुछ और करने का नहीं केवल सीखने का है। 20 वर्ष की उम्र के बाद करियर का दौर शुरू होता है। 20 से 30 वर्ष की उम्र में आपको हर नई चीज़ आज़मानी चाहिए। ये सीखने का दौर है और इस समय में आपको किसी को फॉलो करना चाहिए। किसी छोटी कंपनी में काम करने का अनुभव लेना चाहिए। बड़ी कंपनी में काम करने का नुकसान ये है कि आप बस काम को प्रोसेस करना सीखेंगे, जबकि छोटी कंपनी में आप सपनों को पीछा करना और मेहनत करना सीख पाएंगे। इस उम्र में आप किस कंपनी में काम करते हैं, इस बात से ज्यादा मायने ये बात रखती है कि आप किस बॉस के साथ काम कर रहे हैं।
30 से 40 साल की उम्र यह फैसला लेने का समय है कि क्या आप अपने लिए काम करना चाहते हैं, क्या आप वाकई आंत्रेप्रेन्योर बनना चाहते हैं? इस समय तक आप सभी जरूरी चीजें सीख चुके हैं, अब समय है उनपर काम करने का। 40 से 50 वर्ष की उम्र में आपको वो सब करना चाहिए जिसमें आप पर्फेक्ट हैं। किसी भी नई दिश में आगे बढ़ने के लिए अब देर हो चुकी है। हालांकि, अभी भी नई दिशा में आगे बढ़ने पर आपके पास सफलता का मौका होगा, मगर इसकी गुंजाइश बेहद कम होगी। इसलिए अपनी स्किल्स पर टिके रहें और अपने एक्सपीरिएंस पर भरोसा रखें।
50 से 60 साल की उम्र में युवाओं के लिए काम करें। वो आपसे ज्यादा तेज़ और मेहनती हैं। वे कोई भी काम आपसे बेहतर कर सकते हैं। उनमें भरोसा दिखाएं, उनमें इन्वेस्ट करें, उनके कंधों पर जिम्मेदारियां दें। जब आप 60 साल की उम्र में पहुंचें तो अपने आप को समय दें। समंदर के किनारे धूप का मज़ा लें। अपने परिवार का साथ समय बिताएं। ज़ैक मॉ इसे ही जिंदगी जीने का सही तरीका समझते हैं। वे मानते हैं कि सफलता की परिभाषा हर किसी के लिए अलग है, तो आप अपनी परिभाषा खुद तय करें।