देश में स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के उद्देश्य से बीएड (शिक्षा में स्नातक) पाठ्यक्रम को चार वर्षीय करने के साथ दो वर्षीय बीएड पाठ्यक्रम को पूरी तरह से बंद करने का निर्णय लिया गया था जिसे लेकर इस दिशा में भविष्य बनाने का सपना देख रहे ग्रेजुएट्स में खासा असंतोष था। मगर अब दो वर्षीय पाठ्यक्रम को बंद न किए जाने का निर्णय लिया गया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2019 के प्रारूप के मुताबिक यह फैसला लिया गया है।
फरवरी 2019 में दिल्ली में केन्द्रीय विद्यालय समिति और नवोदय विद्यालय समिति के प्रधानाचार्यों के संयुक्त सम्मेलन को संबोधित करते हुए तत्कालीन केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने अगले साल से यूनिफाइड चार वर्षीय बीएड कार्यक्रम शुरू करने का ऐलान किया था। इस मौके पर उन्होनें कहा था कि हमें ऐसे शिक्षकों की जरूरत है जो मन से शिक्षक हों, न कि कुछ न कर पाने के चलते शिक्षक बने हों। इसके चलते ही चार वर्षीय बीएड कार्यक्रम की योजना तैयार की गई थी।
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अब यह फैसला लिया गया है कि दो वर्षों का बीएड पाठ्यक्रम जारी रहेगा तथा किसी भी अन्य स्नातक डिग्री के समतुल्य होगा। वर्तमान दो वर्षीय बीएड पाठ्यक्रम सभी संस्थान 2030 तक जारी रखेंगे। 2014 से पहले बीएड पाठ्यक्रम एक साल का होता था लेकिन राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) ने इसमें बदलाव करते हुए इसे दो साल का कर दिया था।

