आईआईटी खड़गपुर जल्द ही एक ‘हैप्पी इको-सिस्टम’ का निर्माण करने के लिए एक कोर्स की शुरुआत करेगा जिसमें खुशियों के पीछे के विज्ञान की रिसर्च शामिल होगी। आईआईटी के पूर्व छात्र और ‘रेखी सेंटर फॉर साइंस एंड हैपिनेस’ के संस्थापक सतिंदर सिंह रेखी जल्द ही इस माइक्रो-क्रेडिट कोर्स की शुरुआत करेंगे। रेखी ने कहा कि यह सेंटर का सबसे यूनिक कदम होगा जो खुशी को लेकर रिसर्च करेगा और इसपर आधारित विचारों के बारे में बताएगा। साथ ही खुशनुमा ईको सिस्टम बनाने में मदद करेगा। इस सेंटर का मकसद ‘खुशियों और सकारात्मकता के मनोविज्ञान’ को बढ़ावा देना है।
सेंटर को आर्थिक मदद देने को लेकर रेखी प्रोग्राम मैनेजमेंट का हिस्सा होंगे। वहीं आईआईटी खड़पुर निदेशक पीपी चक्रबर्ती का कहना है कि ये नया सेंटर ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करने वाला है और यह हमारे छात्रों को खुश रखने में मदद करेगा। यह कोर्स छात्रों को रिसर्च करने के लिए और खुशी ढूंढने में और सकारात्मक मनोविज्ञान में मदद करेगा। साथ ही उन्होंने ये भी भी कहा कि इससे संस्थान के छात्र समुदाय से अलग, छात्रों के माध्यम से समाज में खुशी और सकारात्मकता का विस्तार होगा। यह सर्टिफिकेट कोर्स आईआईटी खड़गपुर से बाहर के लोग भी कर पाएंगे। केंद्र अगले महीने कोलकाता और खड़गपुर में खुशी के पीछे के विज्ञान को लेकर पहली अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन करेगा, जिसमें काम कर रहे प्रोफेशनल और शिक्षक से भाग ले सकते हैं। विभाग में बन रहे अनुसंधान को आईआईटी-खड़कपुर के सफल छात्रों, प्रभावी नेताओं की देख-रेख में पूरा किया जाएगा। इस विभाग को एक मिलियन डॉलर की मदद से बनाया जाएगा।