COVID-19 संक्रमण का भारत का डेली केस लोड अब 70,000 मामलों तक पहुंच गया है और जो कि अब दुनिया में सबसे ज्‍यादा है। COVID-19 तेजी से टियर 3, 4 शहरों और ग्रामीण भारत में फैल रहा है। ऐसे में केंद्र सरकार अब अनलॉकिंग के चौथे चरण के लिए दिशानिर्देशों को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में है, जो पहली सितंबर से लागू होने वाले हैं। ऐसा माना जा रहा है कि स्‍कूल भी इस अनलॉक के फेज़ में खोले जा सकते हैं क्‍योंकि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी भी सितंबर में कई सारी परीक्षाएं आयोजित करने के लिए तैयार है।

सरकार के इतर आज लोग फिलहाल मल्टीप्लेक्स, मूवी थिएटर, मेट्रो या लोकल ट्रेनों और सबसे महत्वपूर्ण रूप से स्कूलों को खोले जाने के पक्ष ने नहीं नज़र आ रहे हैं। LocalCircles द्वारा किए गए सर्वे के अनुसार, यदि 01 सितंबर से स्‍कूल दोबारा खोले जाते हैं, तो 62 प्रतिशत अभिभावक ऐसे हैं जो अपने बच्‍चों को फिर भी स्‍कूल नहीं भेजेंगे। अभिभावकों का कहना है कि वे बच्‍चों के स्‍वास्‍थ्‍य को ही उनकी शिक्षा से पहले रखेंगे।

भारत के 261 जिलों में 25,000 से अधिक परिवारों पर यह सर्वे किया गया है। पहले सवाल में लोगों से पूछा गया था कि अगर सरकार 01 सितंबर से मेट्रो/ लोकल ट्रेनों को फिर से शुरू करने का फैसला करती है, तो क्या वे अगले 60 दिनों में उसे इस्‍तेमाल करेंगे। 36% ने ‘हां’ में जवाब दिया, जबकि 51% ने ‘नहीं’ में जवाब दिया। 13% इसके बारे में अनिश्चित थे। ऐसे ही स्‍कूल खुलने पर अपने बच्‍चों को स्‍कूल भेजने के मामले पर 23% ने ‘हां’ में जवाब दिया, 62% ने ‘नहीं’ में जवाब दिया जबकि 15% इसके बारे में अनिश्चित थे।

रेस्तरां, जिम और मॉल खोलने के बाद, सरकार ‘अनलॉक’ दिशानिर्देशों के अगले चरण में मल्टीप्लेक्स और मूवी थिएटर को फिर से खोलने पर विचार कर रही है। हालांकि लोग लगातार मूवी हॉल को फिर से खोलने का विरोध कर रहे हैं क्योंकि वैश्विक विशेषज्ञों के अनुसार, सेंट्रल एयर कंडीशनिंग सिस्टम वायरस के प्रसार को तेज कर सकता है। मल्टीप्लेक्स और थिएटर मालिकों ने सरकार से अनुरोध किया है कि उन्हें फिर से काम करने की अनुमति दी जाए क्योंकि उनके व्यापार को भारी नुकसान हो रहा है। ऐसे में जब सवाल लोगों से पूछा गया कि अगर सरकार 01 सितंबर, 2020 से मल्टीप्लेक्स और मूवी थिएटर खोलती है, तो क्या वे अगले 60 दिनों में फिल्में देखने जाएंगे। 6% लोगों ने हां में जवाब दिया जबकि 77% लोगों ने कहा कि वे खुद को सुरक्षित रखने के लिए मूवी हॉल में नहीं जाएंगे। 14% ने कहा कि वे सिनेमा देखने के लिए सिनेमाघरों में जाते ही नहीं हैं।