Happy Teacher’s Day 2019: सुपर-30 (Super-30) के संस्थापक आनंद कुमार को आखिर कौन नहीं जानता। दुनियाभर में अपने इंस्टीट्यूट और टीचिंग स्किल्स को लेकर वे खासे मशहूर हैं। हजारो-लाखों स्टूडेंट्स के लिए प्रेरणा रहे आनंद कुमार (Anand Kumar) का सफर सच में किसी फिल्मी से कम नहीं है। हाल ही में रितिक रोशन (Hritik Roshan) अभिनीत एक फिल्म भी बनी थी जो उन्हीं पर केंद्रित है। उनके इस सफर की शुरुआत 1994 में उस वक्त हुई जब पैसों की कमी के चलते वो कैंब्रिज यूनिवर्सिटी (Cambridge University) नहीं जा सके। उस समय उनका विदेश जाकर पढ़ाई (Foreign Education) करने का सपना पूरा नहीं हो सका। उन्हें समझ आ चुका था कि केवल एडमिशन मिल पाना ही काफी नहीं है, बल्कि आपके पास पैसा होना भी उतना ही जरूरी है।
बचपन से ही थी मैथ्स में रूचिः आनंद बताते हैं कि जब उन्हें कैंब्रिज जाकर पढ़ने का मौका मिला तो उनके पास हवाई सफर के पैसे भी नहीं थे उन्हें मजबूरन अपनी सीट को छोड़ना पड़ा। किसी ने उनकी मदद नहीं की। उसी वक्त उनके पिता का भी अचानक निधन हो गया था। हालांकि इस घटना के कुछ साल बाद साल 2002 में आनंद ने ‘सुपर 30’ नाम से कोचिंग सेंटर शुरू किया। यहां की खासियत यह है कि यहां पर इन बच्चों की पढ़ाई, खाने-पीने का खर्चा भी आनंद खुद उठाते हैं। आनंद बताते हैं कि मैथ्स में उनकी रूचि बचपन से ही थी। बड़े-बड़े सवालों को सॉल्व करना तो जैसे उनके बाएं हाथ का खेल था।
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सुपर 30 कोचिंग सेंटरः इस कोचिंग सेंटर में आनंद गरीब बच्चों को इंजीनियरिंग एंट्रेंस एग्जाम (IIT-JEE) की मुफ्त में तैयारी करवाते हैं। आनंद कहते हैं कि लाइफ में सफलता पाने के लिए आपके पास इच्छाशक्ति होना जरूरी है। आनंद का इंस्टीट्यूट उस समय चर्चा में आया जब साल 2002 में पूर्व जापानी ब्यूटी क्वीन और एक्ट्रेस नोरिका फूजिवारा ने सुपर-30 इंस्टीट्यूट को लेकर एक डॉक्यूमेंट्री बनाई। उसी साल नेशनल जियोग्राफिक चैनल (National Geographic) ने भी आनंद कुमार के इस यूनिक कोचिंग सेंटर पर डॉक्यूमेंट्री बनाई थी। सुपर 30 में हर साल कुल 30 बच्चों का सिलेक्शन होता है। यहां फिजिक्स, मैथ्स, कैमिस्ट्री ये तीन सब्जेक्ट पढ़ाए जाते हैं। सुपर 30 कोचिंग सेंटर को सरकार का समर्थन प्राप्त है। आनंद बताते हैं कि वह अपने इंस्टीट्यूट के लिए पैसा अपने एक अन्य इंस्टीट्यूट ‘रामानुज स्कूल ऑफ मैथ्मैटिक्स’ (Ramanuj School of Mathematics) से जमा करते हैं। इसी इंस्टीट्यूट से कमाए हुए पैसे से वो गरीब बच्चों की पढ़ाई का खर्चा चलाते हैं।
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आनंद के नाम हैं कई बड़े सम्मानः आनंद कुमार को भारत सरकार की तरफ से कई प्रतिष्ठित पुरस्कार भी मिल चुके हैं। उनकी कहानी को जाने-माने अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स (New York Times) ने भी कवर किया था। साल 2009 में उनका नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज किया गया था। यहीं नहीं साल 2000 में प्रतिष्ठित टाइम मैगजीन (Time Magazine) में सुपर 30 अभियान को ‘बेस्ट ऑफ एशिया’ (Best of Asia) की सूची में भी जगह मिली थी। आनंद के सुपर-30 इंस्टीट्यूट को साल 2010 में उन्हें इंस्टीट्यूट फॉर रिसर्च एंड डॉक्यूमेंटेशन इन सोशल साइंसेज की तरफ से ‘रामानुजन अवॉर्ड’ (Ramanujan Award) से भी नवाजा जा चुका है। इसके अलावा आनंद उनके इस नेक अभियान के लिए ब्रिटिश कोलंबिया सरकार, कनाडा और जर्मनी के शिक्षा मंत्रालय की तरफ से भी उन्हें सम्मानित किया गया था। बता दें कि हाल ही में आनंद कुमार के जीवन पर आधारित फिल्म सुपर-30 भी रिलीज हुई थी। फिल्म में ऋतिक रोशन ने आनंद कुमार की भूमिका अदा की थी और विकास बहल ने फिल्म का निर्देशन किया था। इस फिल्म को दर्शकों ने भी काफी सराहना मिली।