दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में दाखिला लेने की कतार में खड़े छात्रों के लिए विश्वविद्यालय की दूसरी कटआॅफ राहत देने वाली साबित हो सकती है। बता दें कि पहली कटआॅफ में दाखिला खत्म होने के बाद अभी कॉलेजों में दो तिहाई सीटें खाली हैं। जानकारों की माने तो दूसरी कटआॅफ में दो से छह फीसद तक गिरावट की संभावना है। दाखिला कमेटी की एक सदस्य ने कहा कि आकड़े और ट्रेंड पर भरोसा करें तो निश्चित तौर पर कटआॅफ में अपेक्षित गिरावट दर्ज होगी। कई विषयों में यह गिरावट छह फीसद से भी ज्यादा तक जा सकती है।
डीयू अधिकारियों की मानें तो इस बार पहली और दूसरी कटआॅफ में गिरावट के कयास अनायास नहीं है। इस बार अधिकतर कॉलेजों ने पहली कटआॅफ बीते साल के मुकाबले कम अंकों पर जारी की थी। दाखिले पूरे न हो पाने के कारण दूसरी कटआॅफ में भी काफी अंतर देखने को मिलेगा। डीयू में इस साल बीते साल के मुकाबले 30 हजार आवेदन कम आए हैं। वहीं, कुछ कॉलेजों में नए पाठ्यक्रम शुरू हुए हैं। इसके अलावा कॉलेजों में सीटों की संख्या में दो हजार का इजाफा भी कटआॅफ को कम करने में सहायक साबित होगा। इतना ही नहीं इस साल 12वीं में दूसरे राज्यों के छात्रों के अंक कम आए हैं। डीयू में हरियाणा, बिहार और यूपी से काफी आवेदन आए हैं। वहां के बच्चों ने बेहतर प्रदर्शन नहीं किया है। इसका असर कटआॅफ पर पड़ेगा। इस बार सीबीएसई के नतीजे भी अपेक्षाकृत बेहतर नहीं रहे। ऐसे में निश्चितरूप से यह कटआॅफ को प्रभावित करेगा।

बहरहाल , कुछ कॉलेजों पर नजर डालें तो रामजस कॉलेज में लगभग 400 छात्रों के दाखिले हो चुके हैं। हंसराज कॉलेज में एक हजार सीटें हैं। यहां भी सभी पाठ्यक्रमों में दूसरी कटआॅफ के बाद भी दाखिले होंगे। कमला नेहरू कॉलेज में 869 सीटें हैं। यहां अंतिम दिन तक 401 छात्रों के दाखिले हो गए। कॉलेज प्रशासन ने बताया कि दूसरी कटआॅफ में यहां कॉलेज में भी सभी पाठ्यक्रमों में दाखिले लिए जाएंगे। किरोड़ीमाल कालेज में 450 दाखिले हुए हैं जबकि 729 सीटें खाली हैं। उसी प्रकार रामजस में 934 सीटेें खाली हैं। कमला नेहरू में 468 सीटें बची हैं। कई कॉलेजों में 80 फीसद सीटें बची हैं, जिनमें आत्माराम सनातन धर्म कॉलेज और मैत्रेयी कॉलेज शामिल हैं। यहां क्रम से 128 और 110 दाखिले हुए हैं जबकि यहां सीटें एक हजार से ज्यादा हैं। आचार्य नरेंद्रदेव कॉलेज (एएनडीसी) में विज्ञान के 13 पाठयक्रमों में केवल कंप्यूटर साइंस और रसायन शास्त्र को छोड़कर सारे पाठ्यक्रम में दूसरी कटआॅफ के गिरने की संभावना है। आइपी कॉलेज में दूसरी कटआॅफ में औसतन डेढ़ से दो फीसद तक की गिरावट होने की संभावना है।

सामान्य कोटे के सभी पाठ्यक्रम में यहां कटआॅफ गिरेगी। यहां 1013 सीटें हैं जिनमें दो तिहाई खाली हैं। इसी प्रकार रामलाल आनंद कॉलेज में इतिहास व राजनीति विज्ञान में सामान्य कोटे के छात्रों को राहत नहीं मिलेगी लेकिन बाकी पाठ्यक्रमों में दाखिले में राहत के आसार हैं। इसके अलावा कई कॉलेजों के चुनिंदा पाठ्यक्रमों में सीटें भर गई हैं लेकिन माना जा रहा है कि यहां दाखिला रद्द होने के बाद गुंजाइश बनेगी, जिसका फायदा तीसरी कटआॅफ वालों को मिलेगा। बता दें कि पहली कटआॅफ के बाद किरोड़ीमल कॉलेज में बीए (आॅनर्स) अंग्रेजी और संस्कृत में सीटें नहीं बची हैं।
वहीं, श्रीराम कॉलेज आॅफ कॉमर्स में बीए (आॅनर्स) अथर्शास्त्र की सभी 123 सीटें पहली कटआॅफ में ही भर गई हैं। श्रीराम कॉलेज आॅफ कॉमर्स में बीकॉम और अथर्शास्त्र में कुल 624 सीटों पर दाखिले होने हैं। इनमें से 500 से अधिक सीटों पर दाखिले हो चुके हैं। बीकॉम आॅनर्स में दाखिले दूसरी कटआॅफ में भी होंगे।