दिल्ली के प्राइवेट स्कूलों में आरक्षित वर्ग के छात्रों के लिए प्रवेश प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए एक बड़ा आदेश जारी किया है, जो अभिभावकों के लिए एक अच्छी और बड़ी राहत देने वाला है। दिल्ली सरकार ने सभी स्कूल प्रमुखों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस), वंचित समूह (डीजी) और विशेष आवश्यकता वाले बच्चों (सीडब्ल्यूएसएन) श्रेणियों के तहत छात्रों के लिए प्रवेश पूरी तरह से कम्प्यूटरीकृत लॉटरी के माध्यम से आयोजित किए जाएं, ताकि किसी भी तरह के मैनुअल हस्तक्षेप को खत्म किया जा सके।

Delhi Nursery Admission 2025: जारी किया गया आदेश

27 फरवरी को जारी एक परिपत्र में, शिक्षा निदेशालय (डीओई) ने कहा, “प्रवेश स्तर की कक्षाओं (नर्सरी, केजी और कक्षा 1) में निजी गैर-सहायता प्राप्त स्कूलों में ईडब्ल्यूएस, डीजी और सीडब्ल्यूएसएन श्रेणियों के लिए प्रवेश प्रक्रिया पूरी तरह से कम्प्यूटरीकृत लॉटरी के माध्यम से आयोजित की जाती है।” परिपत्र में आगे जोर दिया गया है, “यह प्रक्रिया पूरी तरह से स्वचालित है, जिससे किसी भी स्तर पर मैनुअल हस्तक्षेप की कोई गुंजाइश नहीं है।”

Delhi Nursery Admission 2025: शिक्षा निदेशालय ने जारी की चेतावनी

शिक्षा निदेशालय ने इन श्रेणियों के तहत प्रवेश को प्रभावित करने या गारंटी देने का झूठा दावा करने वाले व्यक्तियों या संस्थानों के खिलाफ भी चेतावनी दी है, जिसमें कहा गया है कि, “आम जनता को सूचित किया जाता है कि इस तरह के दावे भ्रामक हैं, और लोगों को ऐसी अवैध संस्थाओं से जुड़ने से बचने की सलाह दी जाती है।” इसके अतिरिक्त, शिक्षा निदेशालय ने अनुरोध किया कि ऐसी गतिविधियों के बारे में कोई भी जानकारी या शिकायत उचित कानूनी कार्रवाई के लिए उसके आधिकारिक ईमेल पर रिपोर्ट की जाए।

Delhi Nursery Admission 2025: स्कूलों को भी जारी किया गया निर्देश

सर्कुलर में सभी निजी गैर-सहायता प्राप्त मान्यता प्राप्त स्कूलों को ऐसे व्यक्तियों, संगठनों या संस्थानों के साथ किसी भी आधिकारिक या अनौपचारिक संबंध से दूर रहने का निर्देश दिया गया है। इसमें कहा गया है, “यदि कोई स्कूल ऐसी गतिविधियों में संलिप्त पाया जाता है, तो शिक्षा निदेशालय उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करेगा।”

सर्कुलर में कहा गया है कि प्रवेश प्रक्रिया के बारे में किसी भी प्रश्न या शिकायत के लिए, विभाग ने आवेदकों को आधिकारिक शिक्षा निदेशालय की वेबसाइट पर उपलब्ध दिशा-निर्देशों और निर्देशों का संदर्भ लेने या नामित हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करने की सलाह दी है।