कानपुर स्थित छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग की ओर से लॉकडाउन के समय Webinar का दूसरा सेशन आयोजित किया गया। “कोरोना के दौर में पत्रकारिता की चुनौतियां” विषय पर जानकारी देते हुए मुख्य वक्ता जम्मू केन्द्रीय विश्वविद्यालय के डीन डाक्टर गोविंद सिंह ने छात्रों को बताया कि संकट के समय वैज्ञानिक सूचनाओं पर भरोसा करते हुए केवल प्रशासन से मिली सूचनाओं को ही शेयर करें। डा. सिंह ने छात्रों को बताया कि सूचनाएं हमेशा साधारण और याद हो जाने वाली होनी चाहिए। संकट के समय हमे लोगों से ज्यादा संवेदनशील तरीके से पेश आना चाहिए।
उन्होनें कहा, प्रिंट मीडिया एक गम्भीर संकट से गुजर रहा है। संकट के इस कठिन दौर में जब वो प्रतिदिन पांच से दस करोड़ रुपए का नुकसान उठा रहे हैं, तब INS ने सरकार से कस्टम ड्यूटी में छूट देने की मांग की है। इस समय अखब़ारों पर ज्यादा भरोसा करने की जरूरत है।
देश में करोना से हो रही मौतों के विषय पर चर्चा करते हुए उन्होनें छात्रों को एक पत्रकार के तौर पर सावधान रहने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि इस संकट के बाद दुनिया बहुत तेजी से बदल सकती है। यदि हम इस समय विदेशी अखब़ारों का गहन अध्ययन करें तो पायेंगे कि अब ग्लोबल की जगह लोकल खबरों की बात ज्यादा उठने लगी है।
छात्रों के सवालों का जवाब देते हुए विभागाध्यक्ष डा. जीतेन्द्र डबराल ने कहा कि मीडिया में रोजगार का संकट नहीं होगा बस उसका स्वरूप बदल जायेगा। डॉ रश्मी गौतम ने छात्रों से मुख्यवक्ता का परिचय करवाया और प्रेम शुक्ला ने धन्यवाद दिया। सागर कनौजिया ने तकनीकी रूप से ज़ूम पर वेबीनार का संचलन किया।
Webinar का पहला सेशन 17 अप्रैल को आयोजित किया गया था जिसमें Fake News के खतरों और उनसे निपटने की तैयारियों के विषय में छात्रों से चर्चा की गई थी। विश्वविद्यालय ने देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान Webinar के माध्यम से छात्रों से जुड़ने की योजना तैयार की है और उसपर तेजी से अमल किया जा रहा है।