दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) ने इस साल खेल कोटे की प्रवेश प्रक्रिया में कुछ बदलाव किए हैं। इसके तहत अब खेल कोटे के तहत आवेदन करने वाले उम्मीदवारों को ऑनलाइन फॉर्म में कॉलेज और पाठ्यक्रम की पंसद नहीं भरनी होगी। ऑनलाइन पंजीकरण फॉर्म में खेल कोटे का विकल्प चुनते ही, उस खेल से संबंधित सभी कॉलेजों और कॉलेज के सभी पाठ्यक्रमों के लिए उम्मीदवार का फॉर्म भर जाएगा। मान लीजिए कोई उम्मीदवार खेल कोटे के तहत क्रिकेट का चुनाव करता है तो क्रिकेट वाले सभी कॉलेजों और उन कॉलेजों में चलने वाले सभी पाठ्यक्रमों के लिए उम्मीदवार का पंजीकरण हो जाएगा।
पिछले साल तक खेल कोटे के तहत आवेदन करने वाले उम्मीदवार को खेल की श्रेणी चुनने के बाद उसके कॉलेजों को चुनना होता था। इसके बाद उसे अपना पाठ्यक्रम भी फॉर्म में भरना होता था। डीयू खेल परिषद (डीयूएससी) के एक अधिकारी के मुताबिक, कई बार उम्मीदवार कुछ कॉलेजों और पाठ्यक्रमों पर निशान लगाना भूल जाता था, जिससे उसे प्रवेश लेने में परेशानी होती थी। कई बार किसी कॉलेज में उसका नंबर आ भी जाता था तो उसे पाठ्यक्रम नहीं चुनने की वजह से दाखिला नहीं मिल पाता था। इस साल डीयू उन विद्यार्थियों को खेल कोटे के तहत प्रवेश नहीं देगा, जिनके पास जिला या राज्यस्तरीय किसी खेल में प्रतिभागी होने का प्रमाणपत्र है। इन प्रतियोगिताओं में पहला, दूसरा और तीसरा स्थान पाने वाले विद्यार्थी ही इस कोटे के तहत आवेदन करने के योग्य होंगे।
डीयू में खेल कोटे के तहत मुख्य रूप से चार श्रेणियों (अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय, राज्यस्तरीय और जिलास्तरीय) में प्रवेश दिया जाता है। अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर खेलने वाले विद्यार्थियों के स्थान और प्रतियोगिता में भाग लेने को प्रवेश का आधार माना जाता है जबकि राज्य और जिला स्तर पर खेलने वाले विद्यार्थी के पास प्रतियोगिता में पहला, दूसरा या तीसरा स्थान जरूर होना चाहिए। इस साल अंडर-17 और अंडर-19 श्रेणी को जोड़ दिया गया है।

