हमेशा चर्चा में रहने वाला बिहार स्कूल एग्जामिनेशन बोर्ड एक बार फिर खबरों में है। इस बार 10वीं कक्षा के एक स्टूडेंट को हिंदी में गलती से 2 नंबर देने के कारण बोर्ड चर्चा में है। बोर्ड ने कक्षा 10 के जिस धनंजय कुमार को हिंदी में 100 में से 2 नंबर देकर फेल घोषित किया था उसे लेकर आरटीआई में बड़ा खुलासा हुआ है। दरअसल आरटीआई में ये बात सामने आई है कि धनंजय को हिंदी में 2 नहीं बल्की 79 नंबर मिले थे। बोर्ड द्वारा दिए गए दो नंबर के कारण धनंजय काफी परेशान था, उसने जांच के लिए आवेदन भी किया था, लेकिन नंबर सही नहीं किए गए, जिसके बाद उसने आरटीआई आवेदन दायर किया। आरटीआई के जवाब के बाद उसे 1 नवंबर को अपनी हिंदी कॉपी की एक फोटोकॉपी मिली, जिसमें उसके नंबर 79 लिखे हुए थे। आरटीआई के जवाब के बाद धनंजय को नई मार्कशीट हासिल करने के लिए 2 हफ्तों का इंतजार करना पड़ा।

समाचार एजेंसी आरटीआई के मुताबिक धनंजय के भाई ने आरटीआई के तहत आवेदन किया था, जिसके बाद ये खुलासा हुआ कि धनंजय को 10वीं की परीक्षा में 500 में से 421 नंबर मिले थे, लेकिन बोर्ड ने उसे हिंदी में महज 2 नंबर देते हुए फेल घोषित किया था। धनंजय के भाई का कहना है, ‘हम पिछले 6 महीनों से इधर से उधर अधिकारियों के पास चक्कर लगा रहे थे। मेरा भाई ठीक से पढ़ाई भी नहीं कर पा रहा था।’ वहीं धनंजय ने कहा है, ‘मैं आईआईटी में पढ़ना चाहता था, लेकिन अब मेरे सारे सपने टूट गए हैं। मैं आत्महत्या करने की सोचता था, लेकिन मेरे परिवार ने मेरी मदद की।’

बता दें कि धनंजय को साइंस में 80, गणित में 96 और संस्कृत में 79 अंक मिले थे। धनंजय को पूरा विश्वास था कि उसने हिंदी में अच्छे अंक हासिल किए होंगे। इससे पहले भी बिहार स्कूल एग्जामिनेशन बोर्ड 12वीं कक्षा की स्टूडेंट प्रियंका को गलत नंबर देने के कारण चर्चा में आया था। प्रियंका को बोर्ड ने संस्कृत में 100 में से 09 अंक दिए थे और साइंस में 80 में से 29 अंक मिले थे। प्रियंका ने लंबी कानूनी लड़ाई लड़ने के बाद न्याय हासिल किया था।